नई दिल्ली: क्रिसमस का त्योहार इसाईयों का प्रमुख त्योहार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। हर साल 25 दिसंबर को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन को बड़ा दिन भी कहते हैं। लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जो ईसा मसीह के जन्म की तारीख 7 जनवरी मानते हैं और इसलिए ये देश क्रिसमस का पर्व 25 दिसंबर को नहीं बल्कि 7 जनवरी को मनाते हैं। आपको बताते हैं क्या है इसके पीछे की वजह
7 जनवरी को क्रिसमस मनाने की वजह
बता दें कि इसके पीछे का कारण कैलेंडर है। दरअसल, ग्रेगोरियन और जूलियन कैलेंडर में 13 दिनों का अंतर होता है और यही अंतर क्रिसमस की तारीख के बीच पड़ रहा है। ग्रेगोरियन कैलेंडर को वर्ष 1582 में पोप ग्रेगोरी ने शुरू किया था, जबकि जूलियन कैलेंडर को 46 BC में जूलियस सीजर ने शुरू किया था। साल 1752 में इंग्लैंड ने जूलियन कैलेंडर की जगह ग्रेगोरियन कैलेंडर फॉलो करना शुरू कर दिया। जिसके मुताबिक क्रिसमस का त्योहार 25 दिसंबर के दिन पड़ता है। इंग्लैंड के इस कैलेंडर को अपनाने के बाद पश्चिम के ज्यादातर देशों ने भी ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपना लिया और क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाना शुरू कर दिया। लेकिन कुछ देश आज भी ऐसे हैं जो ग्रेगोरियन कैलेंडर की बजाय जूलियन कैलेंडर को ही मानते हैं। वे क्रिसमस का पर्व 7 जनवरी को मनाते हैं।
रूस, इजराइल समेत कई देशों के नाम
क्रिसमस का त्योहार 7 जनवरी को मनाने वाले देशों में रूस, मिस्र, इजरायल, यूक्रेन, बुल्गारिया, मोल्दोवा, मैसेडोनिया, इथियोपिया, जॉर्जिया, ग्रीस, रोमानिया, सर्बिया, बेलारूस, मोंटेनेग्रो और कजाकिस्तान इस लिस्ट में शामिल हैं।