इस्लामाबाद: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने द्विपक्षीय व्यवस्था के तहत पाकिस्तान को करीब 1.2 अरब डॉलर की नयी ऋण सहायता को मंजूरी दे दी है। इस ऋण सहायता से स्पष्ट होता है कि विनाशकारी बाढ़ के बावजूद देश ने स्थिरता बनाए रखी है। समाचार पत्र ‘डॉन’ ने मंगलवार को एक खबर में बताया कि आईएमएफ कार्यकारी निदेशक मंडल ने सोमवार को वाशिंगटन में आयोजित बैठक में दोहरे ‘ट्रैक बेलआउट’, 37 महीने की विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) एवं जलवायु-केंद्रित टिकाऊ स्थिरता सुविधा (आरएसएफ) के तहत यह मंजूरी दी।
IMF के 24वें कार्यक्रम में शिरकत कर रहा है पाकिस्तान
नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान वर्तमान में आईएमएफ के 24वें कार्यक्रम में है। इसके तहत पिछले साल उसे 39 महीनों की अवधि में सात अरब डॉलर की सहायता प्रदान करने पर सहमति बनी थी। खबर में कहा गया कि नवीनतम अनुमोदन के तहत पाकिस्तान को ईएफएफ के तहत एक अरब डॉलर और आरएसएफ के तहत 20 करोड़ डॉलर की सहायता राशि निकालने की अनुमति है।
पाकिस्तान को आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने का प्रयास
आईएमएफ के उप प्रबंध निदेशक एवं कार्यवाहक प्रमुख निगेल क्लार्क ने बयान में कहा, ‘‘ अनिश्चित वैश्विक माहौल को देखते हुए, पाकिस्तान को व्यापक आर्थिक स्थिरता को और मजबूत करने के लिए विवेकपूर्ण नीतियों को बनाए रखने की जरूरत है। साथ ही मजबूत, निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाली एवं टिकाऊ मध्यम अवधि की वृद्धि हासिल करने के लिए आवश्यक सुधारों में तेजी लाने की जरूरत है।’’
आईएमएफ की पाकिस्तान को नसीहत
समाचार पत्र की खबर में कहा गया कि इस्लामाबाद के अधिकारियों ने इस अनुमोदन को पाकिस्तान के सुधार प्रयासों एवं व्यापक आर्थिक प्रबंधन में विश्वास का प्रतीक बताया। उन्होंने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि असली परीक्षा इन प्रतिबद्धताओं को ठोस आर्थिक सुधार में बदलने की होगी। आईएमएफ ने पाकिस्तान के कमजोर वित्तीय प्रबंधन, नकदी निगरानी एवं सार्वजनिक संसाधन आवंटन के लिए जवाबदेही पर पिछले महीने असंतोष व्यक्त किया था और करदाताओं के पैसे के व्यक्तिगत एवं राजनीतिक दुरुपयोग को कम करने की सलाह दी थी।