

दिल्ली : भारतीय वायुसेना (IAF) के हेलीकॉप्टरों ने एक हाइब्रिड रेस्क्यू मिशन चलाकर प्रतिबंधित और चुनौतीपूर्ण इलाके में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस मिशन के तहत पहले एक गरुड़ कमांडो को विंच की मदद से नीचे उतारा गया। कमांडो ने क्षेत्र की मुश्किल परिस्थितियों का आकलन करते हुए फंसे यात्रियों को एक सुरक्षित क्रॉस-कंट्री मार्ग से निकालकर पहले से चुने गए कोटमाले हेलिपैड तक पहुंचाया। यह मार्ग विशेष रूप से चुना गया था ताकि यात्रियों को बिना किसी अतिरिक्त जोखिम के बाहर निकाला जा सके।
हेलिपैड तक पहुंचने के बाद, वहां से 24 यात्रियों — जिनमें भारतीय नागरिक, विदेशी नागरिक और श्रीलंकाई शामिल थे — को IAF हेलीकॉप्टरों की मदद से सुरक्षित कोलंबो एयरलिफ्ट किया गया। इस समन्वित कार्रवाई ने न केवल बचाव टीमों की तैयारी और कौशल को दर्शाया, बल्कि यह भी दिखाया कि संकट की स्थिति में विभिन्न एजेंसियां मिलकर कितनी तेज़ी से प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकती हैं।
इसी दौरान, rescue effort का दूसरा चरण भी समानांतर रूप से संचालित किया गया। इसमें तीन गंभीर रूप से घायल लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता की जरूरत थी। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद तेजी से एयरलिफ्ट कर कोलंबो के अस्पतालों में पहुँचाया गया, जहां उनका विशेष इलाज जारी है। इस तेज़ कार्रवाई ने कई जानें बचाने में निर्णायक भूमिका निभाई।
इससे पहले, राहत कार्यों को गति देने के लिए श्रीलंकाई सेना की पांच टीमों, कुल 40 सैनिकों, को दियाथलावा आर्मी कैंप से हेलीकॉप्टरों द्वारा भूस्खलन-प्रभावित कोटमाले क्षेत्र में एयरलिफ्ट किया गया। इन सैनिकों ने स्थानीय प्रशासन और राहत एजेंसियों के साथ मिलकर फंसे हुए लोगों को ढूंढने, मार्ग साफ करने और आवश्यक सहायता पहुँचाने में अहम योगदान दिया। यह पूरा ऑपरेशन भारतीय वायुसेना और श्रीलंकाई सेना के बीच बेहतरीन समन्वय का उदाहरण है। संकट की घड़ी में दोनों देशों की एजेंसियों ने मिलकर तेजी, कौशल और मानवता से प्रेरित एक उत्कृष्ट बचाव अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।