

नई दिल्ली : पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा हो रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के पराक्रम का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के दबाव में सीजफायर के आरोपों को खारिज किया।
पहलगाम आतंकवादी हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा संसद में चल रही है। सत्ता पक्ष की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी शुरुआत की। राजनाथ सिंह ने जोरदार तरीके से हमारी सेना के तीनो अंगों की भूमिका बताई जिसने पाकिस्तान को झुकने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने उन सारे आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया कि भारत ने किसी दबाव में सीजफायर का एलान किया है। रक्षा मंत्री ने दोहराया कि 10 मई को पाकिस्तानी डीजीएमओ ने फोन पर गुहार लगाई – अब बस कीजिए, सैन्य कार्रवाई रोक दीजिए। जब हमें लगा कि हमारे राजनीतिक और सैन्य लक्ष्य हासिल हो गए हैं तब पाकिस्तान के अनुरोध पर हमने ऑपरेशन स्थगित किया। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि अगर ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है और पाकिस्तान कोई गुस्ताखी करता है तो इसे तुरंत री-एक्टिवेट कर दिया जाएगा।
जब राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी दबाव में ऑपरेशन बंद नहीं किया गया तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सांसदों ने डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिया। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप 24 बार ये दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत – पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में अहम भूमिका निभाई। इसे लेकर कांग्रेस और इसके नेता राहुल गांधी लगातार पीएम मोदी पर हमलावर रहे हैं। इसलिए जब विपक्ष ने ये सवाल उठाया तो राजनाथ सिंह ने अध्यक्ष की तरफ मुखातिब होकर कहा – मैं सदन को फिर से आश्वस्त करना चाहता हूं। अध्यक्ष महोदय मैं आपके माध्यम से आश्वस्त करता हूं कि अपने राजनीतिक जीवन में जानबूझकर कभी असत्य न बोलूं इसकी भरसक कोशिश की है मैंने, चाहे सदन के भीतर हो या बाहर।
इस जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ तो ओम बिड़ला को दखल देना पड़ा। फिर राजनाथ सिंह ने विपक्ष से पलट कर सवाल करना शुरू किया। उन्होंने 1962 के जंग की याद दिलाई और कहा कि हार के बावजूद हमने सरकार से ये नहीं पूछा कि कितने मशीन तबाह हुए, न ही 1971 में जबरदस्त जीत के बाद इंदिरा गांधी से ऐसे सवाल हुए। विपक्ष ये पूछ रहा है कि कितने फाइटर जेट गिराए गए। उन्हें पूछना चाहिए.. हमारे टारगेट पूरे हुए कि नहीं, उन्हें पूछना चाहिए दुश्मन के कितने विमान गिराए गए।