काठमांडू में भारत-पाकिस्तान के दूतावासों के बाहर मानवाधिकार संगठन का विरोध प्रदर्शन,शांति की अपील

नेपाली मानवाधिकार समूह ने किया विरोध प्रदर्शन
काठमांडू में भारत-पाकिस्तान के दूतावासों के बाहर मानवाधिकार संगठन का विरोध प्रदर्शन,शांति की अपील
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काठमांडू : नेपाली मानवाधिकार समूह ने शुक्रवार को यहां स्थित भारत और पाकिस्तान के दूतावासों के बाहर प्रदर्शन किया और दोनों देशों से दक्षिण एशिया में चल रहे तनाव को खत्म करने और शांति को बढ़ावा देने का आग्रह किया। मानवाधिकार और शांति सोसायटी ने कार्यकर्ता कृष्ण पहाड़ी और एचयूआरपीईएस के अध्यक्ष रेणुका पौडेल के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया। संगठन ने आतंकवाद और उग्रवाद की निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि शांति ही इस क्षेत्र के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में नारे लिखी तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ‘युद्ध में कोई नहीं जीतेगा, केवल मानवता हारेगी’, ‘आतंकवाद हर समय निंदनीय है’, ‘शांति से सभी की जीत होगी’ और ‘आइए, दक्षिण एशिया को युद्ध-मुक्त क्षेत्र बनाएं’ जैसे नारे लिखे थे।

कार्यकर्ताओं ने विशिष्ट मुद्दों पर भी चिंता जताई और नारे लगाते हुए सिंधु जल संधि के निलंबन और पहलगाम आतंकी हमले में शामिल लोगों को पाकिस्तान द्वारा संरक्षण दिए जाने पर सवाल उठाए। ‘सिंधु जल समझौते को निलंबित करना कितना वैध है?’, ‘पहलगाम में पर्यटकों पर हमला करने वालों को पाकिस्तान ने क्यों बचाया?’ और ‘आतंकवाद और उग्रवाद का शिकार पाकिस्तान, आतंकवाद को क्यों पनाह दे रहा है?’ जैसे अन्य नारे भी तख्तियों पर प्रदर्शित किये गए।

एचयूआरपीईएस ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भारत सरकार को संबोधित एक ज्ञापन काठमांडू में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को सौंपा गया, जबकि पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों द्वारा इसे स्वीकार करने से इनकार करने के बाद इसी तरह का समान पत्र ईमेल के माध्यम से पाकिस्तान सरकार को भेजा गया।

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