G-20 में शामिल नहीं होने से पाकिस्तान को होगा कितना नुकसान, पूर्व मंत्री ने समझाया

G-20 में शामिल नहीं होने से पाकिस्तान को होगा कितना नुकसान, पूर्व मंत्री ने समझाया
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नई दिल्ली: जी-20 के लिए भारत तैयार है। राजधानी दिल्ली में सरक्षा की कड़ी व्यवस्था है। 9 से 10 सितंबर को जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है.दुनिया के 40 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन में शामिल होंगे। लेकिन इस लिस्ट भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान शामिल नहीं है। यू तो पाकिस्तान आबादी के हिसाब से दुनिया का 5वां सबसे बड़ा देश है लेकिन वह इसमें शामिल नहीं है। इसके अलावा सम्मेलन में अमेरिका, रूस, जर्मनी, चीन समेत कई देश शामिल हैं।

पाक के लिए है ये अफलता

जी-20 से पहले हमेशा यह सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान इन देशों में शामिल क्यों नहीं है। इस लेकर पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री भी चिंता जा चुके हैं। कूटनीतिक तौर पर उन्होंने पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा असफलता बताई है। बता दें कि जी-20 सम्मेलन में अमेरिका, रूस, जर्मनी, चीन, सऊदी अरब, ब्रिटेन, कनाडा, इंडोनेशिया, तुर्की, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, जापान, ब्राजील, इटली और अर्जेंटीना जैसे देश शामिल हैं।

बता दें कि कई देश ऐसे भी हैं जो कि आबादी, क्षेत्रफल के हिसाब से पाकिस्तान से बेहद छोटे हैं लेकिन वो भी इस जी-20 समूह में शामिल हैं। इकोनॉमी के लिहाज से पोलैंड, बांग्लादेश और स्वीडेन जैसे देश से भी पाकिस्तान पिछड़ा है।

पूर्व वित्त मंत्री जावेद अहमद बुर्की ने कहा

पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री जावेद अहमद बुर्की का मानना है कि जी-20 देशों में शामिल न होना पाकिस्तान की कूटनीतिक असफलता भी है। उनके अनुसार यदि जी-20 में पाकिस्तान को एंट्री मिल जाए तो वह दुनिया में साइड खड़े होने वाले देशों की स्थिति से खुद को बचा सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का चीन के पाले में जाना भी इसकी एक वजह है क्योंकि भारत और अमेरिका एकजुट होकर पाकिस्तान का विरोध करते हैं। जबकि वह चीन के साथ रहकर अकेला पड़ गया है। वह कहते हैं कि पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर ऐसे रिश्ते रखने होंगे कि जी-20 में एंट्री का माहौल तैयार हो सके।

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