नई दिल्ली: भारत जा रहे इजराइली जहाज का लाल सागर में अपहरण कर लिया गया। इसका आरोप यमन के हूती विद्रोहियों पर लगा है। यह जहाज मालवाहक था। इसके साथ ही हूती विद्रोहियों ने चालक दल के 2 दर्जन से ज्यादा सदस्यों को भी बंधक बना लिया गया है। जानकारी के मुताबिक 25 लोगों को हूती लड़ाकों ने बंधक बनाया है। जब घटना की जानकारी मिली उस समय जहाज तुर्की के कोरफेज में था और भारत के पिपावाव की ओर जा रहा था। आशंका हे कि इजराइल-हमास संघर्ष के कारण क्षेत्रीय तनाव एक नए समुद्री मोर्चे पर फैल सकता है।
बंधकों में इजरायली नागरिक शामिल नहीं
जानकारी के अनुसार यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने कहा है कि उन्होंने इजराइल से जुड़े पोत का अपहरण कर लिया है और इसके चालक दल के सदस्यों को बंधक बना लिया है। समूह ने चेतावनी दी कि वह इजराइल से जुड़े या उसके स्वामित्व वाले जहाजों को अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में निशाना बनाना तब तक जारी रखेगा, जब तक इजराइल का गाजा में हमास शासकों के खिलाफ अभियान जारी है। विद्रोहियों ने रविवार को लाल सागर में इजराइल से जुड़े जहाजों को निशाना बनाने की धमकी दी है। पिछले महीने, हूती विद्रोहियों पर समुद्र के महत्वपूर्ण नौवहन मार्ग से मिसाइल और ड्रोन भेजने का संदेह था। हाइजैक किए गए जहाज के बंधकों में बुल्गारियाई, फिलिपिनो, मैक्सिकन और यूक्रेनी सहित विभिन्न देशों की नागरिकता वाले 25 क्रू मेंबर हैं। हालांकि इसमें कोई भी इजराइली नागरिक नहीं है।
इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने की निंदा
नेतन्याहू के कार्यालय ने ‘गैलेक्सी लीडर’ नामक जहाज के अपहरण की निंदा करते हुए इसे ‘ईरानी आतंकी कृत्य’ बताया है। इजराइली सेना ने शिप हाइजैक की घटना को वैश्विक परिणाम वाली बहुत गंभीर घटना बताया है। उधर इजराइली अधिकारियों ने कहा है कि जहाज ब्रिटिश स्वामित्व वाला और जापान द्वारा संचालित था। सार्वजनिक शिपिंग डेटाबेस में इस जहाज का मालिक ‘रे कार कैरियर्स’ को बताया गया है, जिसकी स्थापना अब्राहम ‘रामी’ उन्गर ने की थी। उन्गर की गिनती इजराइल के सबसे अमीर व्यक्तियों में की जाती है।