वाशिंगटन : अब अमेरिका के प्राथमिक स्कूलों में भी हिन्दी की पढ़ाई होगी। इसके लिए सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के संगठन एशिया सोसायटी और इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट से जुड़े 100 से अधिक सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडन को प्रस्ताव सौंपा है। इसके अनुसार 816 करोड़ रुपए के कोष से 1000 स्कूलों में हिंदी की पढ़ाई शुरू होगी। भारत-अमेरिका के घनिष्ठ होते संबंधों के बीच संभावना है कि बाइडन इस प्रस्ताव को पारित कर देंगे।
प्राथमिक कक्षाओं से शुरू होने वाली हिंदी की पढ़ाई में हिंदी को अंग्रेजी के बाद दूसरी भाषा के रूप चुनने का विकल्प होगा। अमेरिका में रहने वाले लगभग 45 लाख भारतवंशियों में से हिंदी सर्वाधिक 9 लाख से ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भारतीय भाषा है।
हाई स्कूल में हो रही हिन्दी की पढ़ाई
अमेरिका में अभी हाई स्कूल स्तर पर हिंदी की पढ़ाई के कोर्स चल रहे हैं। इसमें हिंदी की बुनियादी पढ़ाई ही कराई जाती है। किन्तु प्राथमिक स्कूलों में हिन्दी न पढ़ने के कारण हाईस्कूलों में बच्चे हिन्दी पर पकड़ नहीं बना पाते। अब यह समस्या समाप्त हो जाएगी।
अमेरिका का भी स्वार्थ
अमेरिका में अब तक स्पेनिश को दूसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है। कारण यह था कि स्पेनिश बोलने वाले पश्चिमी देशों से अमेरिका के आर्थिक हित सधते थे। किन्तु अब उनकी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ रही है। दूसरी ओर भारत इस दशक के अंत तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, इसलिए हिन्दी को इतना महत्व दिया जा रहा है ताकि अमेरिका में भारत को समझने वाले हिन्दीभाषी युवा तैयार हो सकें।