नोएडा: देश के उत्तरी हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। नोएडा में अलग-अलग जगहों पर बीते मंगलवार को 14 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। आशंका है कि ये सभी मौतें लू और हीट स्ट्रोक के कारण हुई हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण बताने की बात कह रहा है। लेकिन इन मौतों ने प्रचंड गर्मी को लेकर लोगों में दहशत पैदा कर दी है।
नोएडा में मंगलवार (18 जून) को अलग-अलग स्थानों पर 14 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बताया कुछ मृतकों को पुलिस और कुछ को उनके परिजन मौत होने के बाद अस्पताल लेकर पहुंचे थे। इन मृतकों के शव पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन सभी लोगों की मौत लू और हीट स्ट्रोक से हुई होगी। फिलहाल, शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद तस्वीर साफ हो पाएगी। स्वास्थ्य विभाग मामले में नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल, इसको लेकर जिला अस्पताल की सीएमएस का बयान सामने आया है।
क्या कहना है अस्पताल प्रशासन का ?
नोएडा जिला अस्पताल की सीएमएस रेणु अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कल हमारे यहां 14 ब्रॉट डेड के मामले सामने आए थे। कुछ लोगों को पुलिस लेकर आई थी और कुछ लोगों को उनके परिजन लेकर आए थे। मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा। सभी शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं।
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हीट स्ट्रोक से कैसे जा रही है जान ?
हीट स्ट्रोक को आम भाषा में ‘लू लगना’ बोलते हैं। ये तब होता है, जब आपका शरीर अपने तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता। हीट स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है और कम नहीं हो पाता। जब किसी को लू लगती है तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म यानी पसीना तंत्र भी फेल हो जाता है और इंसान को बिल्कुल पसीना नहीं आता। डॉक्टरों के मुताबिक, हीट-स्ट्रोक की चपेट में आने पर 10 से 15 मिनट के अंदर शरीर का तापमान 106°F या इससे अधिक हो सकता है। समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो इंसान की मौत या ऑर्गन फेल भी हो सकता है।
ऐसे करें हीटस्ट्रोक से बचाव
दिल्ली के LNJP अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि हीटस्ट्रोक से बचने के लिए सिर पर छाता या कपड़ा लपेटना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों को अत्यधिक गर्मी में बाहर निकलने से बचना चाहिए। दिन में 4-5 लीटर पानी पीने से हीटस्ट्रोक से बचा जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने दिए ये निर्देश
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने केंद्र सरकार के अधीन आने सभी हॉस्पिटल और मेडिकल इंस्टीट्यूट को आदेश जारी किए हैं कि हीट वेव के कारण बीमार हुए लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
उत्तराखंड में 162 लोग अस्पताल में एडमिट
वहीं, उत्तराखंड में 162 लोग संक्रमण और डी-हाईट्रेशन की परेशानी को लेकर अस्पताल में एडमिट हुए, हालांकि स्वास्थ विभाग का कहना है कि यह हीटवेव से सीधे संबंधित नहीं हैं। उत्तराखंड में हीटवेव के कारण कोई मौत नहीं हुई है।
हीट स्ट्रोक से कैसे बचाएं जान?
जिस व्यक्ति को लू लगी है उसे धूप में न रखें। उसके बदन से कपड़ों की मोटी लेयर हटा दें और बॉडी को हवा लगने दें। शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए कूलर या पंखे में बैठाएं। ठंडे पानी से नहला सकते हैं। शरीर को ठंडे पानी के कपड़े से पोछें, सिर पर आइस पैक या कपड़े को ठंडे पानी से गीला करके रखें और ठंडे पानी में भीगे तौलिये को सिर, गर्दन, बगल और कमर पर रखें। अगर इन सबसे राहत ना मिले तो फौरन डॉक्टर के पास जाएं और इलाज शुरू करवाएं।