श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को अपने ऐतिहासिक 100वें मिशन के तहत एक उन्नत नेविगेशन उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने विश्वास व्यक्त किया कि अंतरिक्ष एजेंसी अगले पांच साल में 200 मिशन का आंकड़ा पार कर सकती है
2025 में इसरो का पहला मिशन
बुधवार तड़के किया गया यह प्रक्षेपण इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन के नेतृत्व में पहला मिशन है। उन्होंने 13 जनवरी को पदभार संभाला था। इसके अलावा यह 2025 में इसरो का पहला मिशन है। इससे पहले इसरो ने अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया था। इस प्रयोग के तहत 30 दिसंबर, 2024 को प्रक्षेपण किया गया था जो अंतरिक्ष एजेंसी का 99वां मिशन था।नारायणन ने कहा कि 2025 में इसरो का पहला प्रयास सफल रहा।
जीटीओ कक्षा में सटीकता से स्थापित
उन्होंने सफल प्रक्षेपण के बाद कहा कि उपग्रह को आवश्यक (जीटीओ) कक्षा में सटीकता से स्थापित किया गया। श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी रॉकेट के जरिए नेविगेशन उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए 27 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार को शुरू हुई थी और रॉकेट को बुधवार तड़के छह बजकर 23 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया।
विश्व की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों में आने का सफर
इसरो को अपने 100 मिशन पूरे करने का लक्ष्य हासिल करने में भले ही 46 वर्ष लग गये हों लेकिन देश की अंतरिक्ष एजेंसी को अब अगले पांच साल में ही अपना अगला शतक पूरा कर लेने का भरोसा है।
ऐतिहासिक उपलब्धि
इसरो ने इतिहास रचते हुए रॉकेट के पुर्जों को साइकिल और बैलगाड़ी पर ले जाने के युग से लेकर विश्व की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक बनने तक की यात्रा तय की है। अब इसरो विदेशी विक्रेताओं के लिए वाणिज्यिक प्रक्षेपण भी कर रहा है। इसरो उन एजेंसी की विशिष्ट लीग का हिस्सा है जिनके चंद्र और सूर्य मिशन सफल रहे हैं।