नई दिल्ली : केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (MEITY) राजीव चंद्रशेखर ने नए कानून की योजना की घोषणा की है जिसका उद्देश्य देश में इंटरनेट को सख्ती से विनियमित करना और नए साइबर अपराधों का मुकाबला करना होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया विधेयक पर परामर्श इस महीने हितधारकों के साथ शुरू होगा और नया ‘डिजिटल निजी डेटा संरक्षण विधेयक’ जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। डिजिटल इंडिया बिल से विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन सुरक्षा मुद्दों से निपटने की उम्मीद है, जिनमें बाल यौन शोषण सामग्री, धार्मिक उन्माद सामग्री, पेटेंट उल्लंघन सामग्री और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाली जा रही गलत सूचना शामिल है। उन्होंने कहा, “ऐसी 11 चीजें हैं जो हम सोशल मीडिया पर नहीं चाहते हैं – बाल यौन शोषण सामग्री, धार्मिक उत्तेजना सामग्री, पेटेंट उल्लंघन सामग्री, गलत सूचना और इसी तरह की चीजें।”
डिजिटल क्षेत्र में तेजी आए बदलावों का जिक्र करते हुए चंद्रशेखर ने कहा, “2014 में, हम दुनिया में सबसे डिजिटल रूप से अनकनेक्टेड देश थे, आज देश में 85 करोड़ लोग इंटरनेट से जुड़े हुए हैं। आज हम दुनिया के सबसे बड़े कनेक्टेड देश बन गए हैं, और हम भारत को सबसे सुरक्षित और सबसे भरोसेमंद देश बनाना चाहते हैं। 2025 तक यह संख्या बढ़कर 120 करोड़ हो जाएगी।”
कंपनियों की जिम्मेदारी होगी यूजर की सेफ्टी
चंद्रशेखर ने मौजूदा चुनौतियों के लिए पिछली यूपीए सरकार को दोषी ठहराया, जो 2008 में आईटी अधिनियम में संशोधन से उपजी हैं, जिसने बड़ी तकनीक और सोशल मीडिया कंपनियों को प्रतिरक्षा प्रदान की। उन्होंने कहा, “हमें 2014 में एक जहरीली इंटरनेट प्रणाली विरासत में मिली”। चंद्रशेखर ने कहा, “डिजिटल नागरिकों के लिए अपने प्लेटफॉर्म को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाए रखना ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी है।” इसे लागू करने के लिए, डिजिटल इंडिया विधेयक में एक प्रावधान शामिल किया जाएगा, जिससे इन प्लेटफार्मों की अपने उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और विश्वास को बनाए रखने की जिम्मेदारी बन जाएगी।