प्रेमी की हत्या के जुर्म में प्रेमिका को मौत की सजा, जाने कहां

प्रेमी की हत्या के जुर्म में प्रेमिका को मौत की सजा, जाने कहां
Published on

तिरुवनंतपुरम : केरल की एक अदालत ने एक महिला को 2022 में उसके प्रेमी की हत्या करने के जुर्म में सोमवार को मौत की सजा सुनाई।
नेय्याट्टिनकरा अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने मामले में तीसरी अभियुक्त एवं महिला के रिश्तेदार निर्मलकुमारन नायर को भी तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। दोषी ग्रीष्मा (24) ने अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों, पूर्व में कोई आपराधिक इतिहास नहीं होने और अपने माता-पिता की इकलौती बेटी होने का हवाला देते हुए सजा में नरमी का अनुरोध किया था।
अदालत ने अपने 586 पृष्ठ के फैसले में कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोषी की उम्र पर विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। ग्रीष्मा को शेरोन राज की हत्या के लिए सजा सुनाई गई है जो तिरुवनंतपुरम जिले के परसाला के मूल निवासी थे।
अभियोजक के अनुसार, अदालत ने यह भी पाया कि दोषी ने चरणबद्ध तरीके से अपराध को अंजाम देने की साजिश रची थी, उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि थी। इससे पहले भी दोषी ने युवक की हत्या का प्रयास किया था और जांच को भटकाने के लिए गिरफ्तारी के बाद आत्महत्या की कोशिश की थी। फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए पीड़ित की मां प्रिया ने पत्रकारों से कहा कि वह ये आदेश जारी करने के लिए अदालत की आभारी हैं। विशेष लोक अभियोजक वी एस विनीत कुमार ने पत्रकारों को बताया कि फैसला पूरी तरह न्यायोचित है और अदालत ने कहा कि यह मामला बहुत दुर्लभतम श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया, 'अदालत ने कहा कि दोषी शातिर अपराधी है, जिसने बड़ी सावधानी से इस क्रूर हत्या की साजिश रची थी।' अदालत ने ग्रीष्मा के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। इसमें कहा गया था कि 22 अगस्त 2022 को उसने पैरासिटामोल की गोलियों को फलों के रस में मिलाकर शेरोन को जहर देने का प्रयास किया था। हालांकि, उसने फलों के रस के कड़वे स्वाद का हवाला देते हुए इसे पीने से इनकार कर दिया, जिससे यह प्रयास विफल हो गया। फैसले का स्वागत करते हुए, जांच की निगरानी करने वाली तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डी शिल्पा ने कहा कि यह पुलिस जांच दल के संयुक्त प्रयासों की जीत है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'जांच के विभिन्न चरणों में हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों से मामले को सुलझाने में मदद मिली।' तत्कालीन जांच अधिकारी, डीएसपी के.वाई जॉनसन ने कहा, 'अभियुक्त ने गूगल पर धीमे जहर के बारे में सर्च किया और उसे 'पैराक्वाट' का पता चला।'

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in