

जोहानिसबर्ग : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि जी 20 देशों में दुनिया की मुश्किलों को कम करने और इसे शांतिपूर्ण मार्ग पर लाने की अपार क्षमता है। इसके साथ ही उन्होंने इन देशों से इस दिशा में जरूरी कदम उठाने की अपील की है। गुतारेस ने यह बात शुक्रवार को जोहानिसबर्ग पहुंचने के तुरंत बाद मीडिया के साथ बातचीत में कही। वह अगले दो दिनों तक यहां जी 20 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
उन्होंने कहा, ‘अगले दो दिनों में जी 20 के नेताओं के लिये मेरा आसान सा संदेश है। अब नेतृत्व एवं दृष्टिकोंण का समय है।’ गुतारेस ने कहा कि बढ़ता सैन्य खर्च विकास के संसाधनों को कम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते जी20 देश मुश्किलों को कम करने, आर्थिक विकास का लाभ सभी के लिए सुनिश्चित करने और भविष्य में दुनिया को एक बेहत
अफ्रीका में आयोजित पहला जी20 शिखर सम्मेलन दुनिया के सबसे गरीब देशों को प्रभावित करने वाली लंबे समय से जारी कुछ समस्याओं के समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के महत्वाकांक्षी एजेंडा के साथ शनिवार को शुरू होगा। दुनिया की सबसे समृद्ध एवं प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेता और शीर्ष सरकारी अधिकारी दक्षिण अफ्रीका के प्रसिद्ध सोवेटो कस्बे के पास स्थित एक प्रदर्शनी केंद्र में एकत्र होंगे ताकि वे मेजबान देश द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं को लेकर किसी सहमति पर पहुंचने की कोशिश कर सकें।
इन प्राथमिकताओं में बढ़ती वैश्विक असमानता को कम करने के उपायों के तहत जलवायु-संबंधी आपदाओं से उबरने के लिए गरीब देशों को अधिक सहायता देना, उनके विदेशी ऋण बोझ को कम करना, हरित ऊर्जा स्रोतों को अपनाना और अपने महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों का उपयोग करना शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे और उन्होंने कहा कि वह प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ ‘सार्थक चर्चा’ की उम्मीद करते हैं। यह अफ्रीका में आयोजित होने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है और 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ जी20 का सदस्य बना था।