चार साल की बच्ची की रेबीज से मौत

गरीब फुटपाथ दुकानदार 8 लाख रुपये लगाकर भी नहीं बचा पाया
प्रतीकात्मक तस्वीर
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दावणगेरे : कर्नाटक के दावणगेरे शहर में कुत्ते के काटने के बाद 4 साल की बच्ची की रेबीज से मौत हो गयी।

बेंगलुरु के इंदिरा गांधी बाल स्वास्थ्य संस्थान (आईजीआईसीएच) के निदेशक डॉ. संजय के एस ने कहा कि खंडीरा बानू का पिछले 4 महीने से उपचार किया जा रहा था लेकिन रविवार को उसकी मौत हो गयी। दावणगेरे में शास्त्री लेआउट की रहने वाली बानू पर 27 अप्रैल को एक कुत्ते ने उस समय हमला कर दिया था, जब वह अपने घर के बाहर खेल रही थी। उसके चेहरे और शरीर पर कुत्ते के काटने के कई जख्म थे, इससे बाद उसे एक स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉ. संजय के अनुसार, बच्ची की हालत बिगड़ने के बाद उसे मई में आईजीआईसीएच में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा, ‘उसे यहां आईसीयू में भर्ती कराया गया और कई जांच के बाद एंटीबॉडी की मौजूदगी के कारण रेबीज की पुष्टि हुई थी।’ उन्होंने बताया कि बच्ची की हालत स्थिर होने पर करीब एक महीने बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी और घर पर देखभाल करने के लिए कहा गया था। डॉ. संजय ने बताया कि उसे अगस्त में दोबारा अस्पताल लाया गया था और उस समय वह बेसुध थी, जिसके कारण उसे ऑक्सीजन देने के लिए नलियां लगायी गयी थीं। उन्होंने बताया कि यह ‘डम्ब रेबीज’ का मामला था, जिसमें बीमारी के कारण लकवा मार जाता है न कि मरीज आक्रामक होता है।

इलाज में खर्च हुए 8 लाख

इलाज पर करीब 8 लाख रुपये खर्च आने संबंधी मीडिया में आयी खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए आईजीआईसीएच निदेशक ने कहा कि बेंगलुरु में परिवार से कोई शुल्क नहीं लिया गया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा हो सकता है कि उन्होंने दावणगेरे के निजी अस्पताल में बहुत पैसा खर्च किया हो।’ बच्ची के पिता रेहड़ी-पटरी विक्रेता हैं और मां गृहिणी है।

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