

हिसार : बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिसार को एक ऐतिहासिक उपहार दिया है। हिसार अब हरियाणा का एक शहर ही नहीं, बल्कि हवाई यात्रा का नया केंद्र बन गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिसार-अयोध्या उड़ान को हरी झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत की और नये टर्मिनल की नींव भी रखी। हरियाणा के लिए यह विकास की नयी कहानी लिखने की तैयारी है।
हिसार और अयोध्या का पवित्र रिश्ता
प्रधानमंत्री मोदी ने हिसार के महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे से अयोध्या के लिए पहली उड़ान की शुरुआत को हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच अनूठा धार्मिक और सांस्कृतिक सेतु बताया है। मोदी ने इसे भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम की भूमि का मिलन बताया। उन्होंने कहा, ‘अब हरियाणा के लोग आसानी से अयोध्या धाम के दर्शन एक दिन में ही कर सकेंगे। यह उड़ान दो शहरों को नहीं जोड़ रही, बल्कि दो संस्कृतियों को और करीब ला रही है। जल्द ही हिसार से देश के अन्य प्रमुख शहरों के लिए भी उड़ानें शुरू होंगी, जो हरियाणा को व्यापार और पर्यटन का नया हब बनाएंगी।’
हरियाणा के विकास को नयी ऊंचाई
लगभग 410 करोड़ की लागत से बनने वाले नये टर्मिनल के शिलान्यास के साथ हिसार एयरपोर्ट अब आधुनिक सुविधाओं से लैस होने की राह पर है। मोदी ने इस मौके पर हरियाणा के निवासियों को बधाई देते हुए कहा, ‘यह एयरपोर्ट हरियाणा के युवाओं, किसानों और व्यापारियों के लिए अवसरों का नया द्वार खोलेगा। हिसार जैसे शहर, जो पहले हवाई नक्शे पर गौण थे, अब देश के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे। यह कदम हरियाणा को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।’
हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक का सपना
प्रधानमंत्री ने अपने उस वादे को दोहराया, जो आम भारतीय के सपनों को पंख देता है। उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में उड़ेगा। आज यह सपना साकार हो रहा है। पिछले एक दशक में भारत ने हवाई यात्रा को आम लोगों की पहुंच में लाने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। 2014 तक देश में सिर्फ 74 एयरपोर्ट थे, लेकिन आज यह संख्या 150 को पार कर चुकी है। यह आंकड़ा न सिर्फ बुनियादी ढांचे की मजबूती दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे सरकार ने छोटे शहरों को वैश्विक मंच से जोड़ा है।’
बाबा साहेब की जयंती पर विशेष संदेश
मोदी ने बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘आज का दिन हमारे लिए दूसरी दिवाली की तरह है। बाबा साहेब का जीवन और उनका संघर्ष हमारी सरकार की प्रेरणा है। हर नीति, हर फैसला उनके सपनों को साकार करने की दिशा में एक कदम है। यह संदेश खासकर समाज के वंचित और शोषित वर्गों के लिए एक आशा की किरण है, जो समावेशी विकास का प्रतीक है।’