EVM-VVPAT मामला: ‘संभव नहीं EVM से छेड़छाड़’, सुप्रीम कोर्ट में बोला EC | Sanmarg

EVM-VVPAT मामला: ‘संभव नहीं EVM से छेड़छाड़’, सुप्रीम कोर्ट में बोला EC

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज VVPAT वेरिफिकेशन मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि चुनाव प्रक्रिया में पवित्रता होनी चाहिए और किसी को यह नहीं लगना चाहिए कि जो किया जाना चाहिए था, वह नहीं किया गया। चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उठाए गए कदमों के बारे में डिटेल में जानकारी मांगी।

EVM को लेकर EC से सुप्रीम कोर्ट का सवाल
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, ‘कोर्ट का मानना है कि यह एक चुनावी प्रक्रिया है। इसमें पवित्रता होनी चाहिए। किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि इसके लिए जो जरूरी कदम उठाए जाने थे, वो नहीं उठाए गए। चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि EVM के साथ छेड़छाड़ न हो सके, ये सुनिश्चित करने के लिए आपकी ओर से क्या प्रकिया अपनाई जा रही है? याचिकाकर्ताओं की ओर से पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है, उस पर आप अपना रुख साफ करिए।

चुनाव आयोग ने EVM को लेकर दी जानकारी

इसके बाद चुनाव आयोग के अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में EVM से संबंधित जानकारी दी और कहा, ‘EVM प्रणाली में तीन यूनिट होते हैं, बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और तीसरा वीवीपीएटी। बैलेट यूनिट सिंबल को दबाने के लिए है, कंट्रोल यूनिट डेटा संग्रहीत करता है और वीवीपीएटी सत्यापन के लिए है’।

केरल के कासरगोड में मॉक वोटिंग के दौरान ईवीएम में पाई गई गड़बड़ी का मुद्दा वकील प्रशांत भूषण ने उठाया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि मॉक वोटिंग के दौरान 4 ईवीएम और वीवीपीएटी एक अतिरिक्त वोट BJP के पक्ष में रिकॉर्ड कर रहे थे। कोर्ट ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह से कहा कि इन आरोपों की जांच करे। देखें कि क्या गड़बड़ी वहां पाई गई है।

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चीफ जस्टिस ने इन सवालों के बारे में भी पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि प्रोग्राम मेमोरी में कोई छेड़छाड़ हो सकती है? चुनाव आयोग ने कहा कि इसे बदला नहीं जा सकता। यह एक फर्मवेयर है। सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के बीच का है। इसे बिल्कुल भी नहीं बदला जा सकता.. पहले रैंडम तरीके से ईवीएम का चुनाव करने के बाद मशीनें विधानसभा के स्ट्रांग रूम में जाती हैं और राजनीतिक दलों की मौजूदगी में लॉक किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब आप EVM को भेजते हैं तो क्या उम्मीदवारों को टेस्ट चेक करने की अनुमति होती है? इस पर चुनाव आयोग ने बताया कि मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखने से पहले मॉक पोल आयोजित किया जाता है। उम्मीदवारों को रैंडम मशीनें लेने और जांच करने के लिए पोल करने की अनुमति होती है।

 

 

 

 

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