

गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में स्पष्ट संदेश दिया है कि हमने तय किया है कि हम आतंक के कांटे को निकालकर रहेंगे। गोली का जवाब गोले से, ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। हमने पीओके में आतंकवादियों के 9 ठिकानों को 22 मिनट में ध्वस्त कर दिया और इस बार सब कुछ कैमरे के सामने हुआ। ताकि कोई सबूत न मांगे। हम आतंकियों पर आगे भी सख्त कार्रवाई करते रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आतंक को पनाह दे रहे पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने साफ किया कि हम किसी से दुश्मनी नहीं चाहते हैं। सिंधु जल संधि स्थगित करना हमारी सोची समझी युद्ध की रणनीति है। मोदी ने कहा, ‘75 साल तक हम आतंकवाद को झेलते रहे और पाकिस्तान के साथ जब युद्ध की नौबत आई तो तीनों बार भारतीय सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को धूल चटाई और पाकिस्तान समझ गया कि लड़ाई में वह भारत से जीत नहीं सकता है और इसलिए उसने प्रॉक्सी वॉर चालू किया है। सैन्य प्रशिक्षण होता है, सैन्य प्रशिक्षित आतंकवादी भारत भेजे जाते हैं और निर्दोष लोगों को निशाना बनाते हैं। उन्हें जहां मौका मिला वे मारते रहे और हम सहते रहें। क्या हमें अब यह सहना चाहिए? क्या गोली का जवाब गोले से देना चाहिए? ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए?’ भारत की विदेश नीति का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘साथियो, ये देश उस महान सांस्कृतिक परंपरा को लेकर चला है वसुधैव कुटुंबकम। यह हमारा संस्कार है, हमारा चरित्र है। हम पूरे विश्व को परिवार मानते हैं।
हम अपने पड़ोसियों के लिए भी सुख चाहते हैं। वो सुख चैन से जिएं और हमें भी सुख चैन से जीने दें। लेकिन जब बार-बार हमारे सामर्थ्य को ललकारा जाए तो ये देश वीरों की भी भूमि है। आज तक जिसे हम प्रॉक्सी वॉर कहते थे 6 मई के बाद जो दृश्य देखें गए। उसके बाद वो इस प्रॉक्सी वॉर कहने की गलती नहीं कर सकते।’ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की उस रात को याद करते हुए मोदी ने कहा, ‘जब आतंकवाद के 9 ठिकाने तय कर 22 मिनट में उनको ध्वस्त कर दिया और इस बार तो सब कैमरे के सामने किया। इस बार हमने सारी व्यवस्था रखी थी ताकि कोई हमसे सबूत न मांगे। मैं इसलिए कहता हूं कि इसको प्रॉक्सी वॉर नहीं कह सकते क्योंकि जो आतंकवादियों के जनाजे निकलें। 6 मई के बाद जिनका कत्ल हुआ। उस जनाजे को पाकिस्तान ने स्टेट ऑनर दिया। उनके ताबूत पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए। उनकी सेना ने उन्हें सैल्यूट किया और यह साबित करता है कि यह प्रॉक्सी वॉर नहीं है बल्कि यह सोची-समझी नीति है और आप युद्ध ही कर रहे हैं। तो इसका जवाब भी आपको ऐसे ही मिलेगा।’
काट दिए गए हाथ
मोदी ने कहा, ‘शरीर कितना ही स्वस्थ क्यों न हो लेकिन एक कांटा चुभता है तो पूरा शरीर परेशान होता है। इसलिए हमने तय कर लिया है, हम उस कांटे को निकालकर रहेंगे। 1947 में मां भारती के टुकड़े हुए। कटनी चाहिए थी जंजीरें लेकिन काट दी गयीं भुजाएं। देश के तीन टुकड़े कर दिए गए और उसी रात पहला आतंकी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ। मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर, मुजाहिदीनों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया। अगर उसी दिन इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता और सरदार पटेल की बात मान ली गयी होती, तो 75 साल से चला आ आतंकी घटनाओं का सिलसिला देखने को नहीं मिलता।
सिंधु जल संधि स्थगित करना रणनीति
मोदी ने आतंकवाद को शरण दे रहे पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने साफ किया कि हम किसी से दुश्मनी नहीं चाहते हैं। सिंधु जल संधि स्थगित करना हमारी सोची समझी युद्ध की रणनीति है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था बने हैं और हमारा लक्ष्य 2047 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य है। मोदी ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य है सन् 2047 में हिंदुस्तान को विकसित होना ही चाहिए। हम आजादी के 100 साल ऐसे मनाएंगे कि दुनिया में विकसित भारत का झंडा फहरता रहेगा।’