

गुवाहाटी: असम को उग्रवाद मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट ने तीन पक्ष वाले समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है। गृह मंत्री अमित शाह और असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में असम सरकार और केंद्र सरकार के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया। इस दौरान गृह सचिव अजय भल्ला, असम के DGP जीपी सिंह एवं उल्फा ग्रुप के सदस्य उपस्थित थे। बता दें कि 40 साल में पहली बार सशस्त्र उग्रवादी संगठन ULFA से भारत और असम सरकार के बीच शांति समाधान समझौता मसौदे पर हस्ताक्षर हुआ।
कई दौर की बातचीत के बाद नतीजा निकला
बता दें कि उल्फा से सरकार की कई दौर की बातचीत हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि असम में उग्रवाद का संपूर्ण समाधान है। गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिन है। हमारा मानना है कि पूर्वोत्तर के अन्य सभी संगठनों के साथ इस तरह के शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इससे पहले पूर्वोत्तर में शांति समझौता के लिए उल्फा के साथ समझौते को लेकर गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गृह मंत्रालय में बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुआ।
समझौते के कुछ महत्वपूर्ण प्वांइट्स
-असम के लोगों की सांस्कृतिक विरासत बरकरार रहेगी।
– असम के लोगों के लिए और भी बेहतर रोजगार के साधन राज्य में मौजूद रहेंगे।
-इनके काडरों को रोजगार के पर्याप्त अवसर सरकार मुहैया करवाएगी।
– उल्फा के सदस्यों को जिन्होंने सशस्त्र आंदोलन का रास्ता छोड़ दिया है, उन्हें मुख्य धारा में लाने का भारत सरकार हर संभव प्रयास करेगी।