

कोलकाता : अमेरिकी खरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ऐसा कारनामा करने वाली है जो कैपिटल मार्केट की पूरी हिस्ट्री को दोबारा लिखने जैसा होगा। इसकी वैल्यू मानी जा रही है -$1500,000,000,000 यानी 1500 अरब अमेरिकी डॉलर। रुपये में यह 1,36,500 अरब बनेंगे। कंपनी की इतनी कीमत इस आधार पर मानी जा रही है, क्योंकि मस्क मानव इतिहास का सबसे बड़ा IPO लाने की तैयारियों में जुटे हैं। यह IPO अगले वर्ष के अंत तक आने की संभावना है।
दुनिया की सबसे महंगी कंपनी
2025 में कंपनी का रेवेन्यू करीब 15 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। यह 2026 में बढ़कर 22 अरब से 24 अरब डॉलर के बीच हो सकता है। इसमें ज्यादातर कमाई स्टारलिंक से होगी। अगले वर्ष की अनुमानित रेवेन्यू और IPO के आधार पर गणना करें तो स्पेसएक्स दुनिया की सबसे महंगी कंपनी बनने वाली है। इसका वैल्यूएशन रेवेन्यू का 65 गुना होगा। दूसरी ओर, रॉकेट व जेट बनाने वाली दूसरी कंपनियों को देखें तो बोईंग मात्र 0.7 गुना और लॉकहिड मात्र 1.5 गुना वैल्यूएशन पर ट्रेड करती हैं।
तो इतना महंगा क्यों?
असल में स्पेसएक्स रॉकेट कंपनी के तौर पर IPO नहीं लाएगी, यह लाएगी अंतरिक्ष में डेटा सेंटर बनाने के नाम पर। ये डेटा सेंटर बनाने और चलाने के लिए उसे अत्यंत महंगी चिप्स की जरूरत होगी। उसी के लिए IPO लाया जाएगा। कंपनी का असली मकसद यह जताना है कि हमारे पास अंतरिक्ष से इंटरनेट देने वाले सैटेलाइट हैं, लेकिन जहां भी डेटा सेंटर बनाया जाता है, उस देश की सरकार उसे कंट्रोल करती है। लेकिन यदि डेटा सेंटर को अंतरिक्ष में बना दिया जाए तो कोई सरकार कुछ कर ही नहीं पाएगी। मतलब - अंतरिक्ष पर कब्जे की तैयारी है। इसी कारण, मस्क इस IPO का इतना दाम रखने वाले हैं।
अरामको को पीछे छोड़ेंगे
अब तक सबसे बड़ा IPO सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको का रहा है जिसने 2019 में 29 अरब डॉलर जुटाए थे, हालांकि कंपनी ने केवल 1.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी। वहीं, स्पेस टूरिज्म कराने वाली स्पेसएक्स इससे भी बड़ा IPO लाएगी। यह IPO 30 अरब डॉलर से ज्यादा का होने का अनुमान है। फंड जुटाने का कारण है कंपनी की तेजी से बढ़ती स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस है। इसमें डायरेक्ट-टू-मोबाइल बिजनेस की संभावना भी शामिल है। साथ ही, चांद और मंगल ग्रह के लिए स्टारशिप रॉकेट का विकास भी एक अहम कारण है।
कितने डॉलर की बिड लगेगी?
कंपनी के CFO ब्रेट जॉनसन ने बताया कि स्पेसएक्स 2.56 बिलियन डॉलर तक के शेयर 421 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से वापस खरीदने की योजना बना रही है। इस दाम पर कंपनी की वैल्यूएशन 800 बिलियन डॉलर से ऊपर जा चुकी है। अगर कंपनी अपनी कुल वैल्यू का सिर्फ 5% बेचती है तो 75 बिलियन डॉलर का IPO लाना होगा।