चुनावी बॉण्ड का डाटा सार्वजनिक, पाकिस्तानी कंपनी ने किसे दिए? | Sanmarg

चुनावी बॉण्ड का डाटा सार्वजनिक, पाकिस्तानी कंपनी ने किसे दिए?

खरीदारों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, वेदांता लिमिटेड, लक्ष्मी मित्तल और सन फार्मा शामिल

नयी दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को तय समय से पहले ही चुनावी बॉण्ड के आंकड़े सार्वजनिक कर दिये। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च को आयोग के साथ आंकड़े साझा किये थे।निर्वाचन आयोग ने डाटा दो सूचियों में रखा है। पहली सूची – चुनावी बॉण्ड के खरीदारों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन और सन फार्मा शामिल हैं। दूसरी सूची – चुनावी बॉण्ड भुनाने वाली पार्टियों में भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, द्रमुक, जेडीएस, राकांपा, तृणमूल, जदयू, राजद, आप और सपा शामिल हैं।पाकिस्तानी कंपनी ने भी खरीदे बॉण्डजारी डाटा में एक नाम है एचयूबी पावर कंपनी। ऑनलाइन सर्च करने पर पता चलता है कि यह कंपनी पाकिस्तानी है और इसका मुख्यालय कराची में है। यदि ऐसा है तो गंभीर सवाल उठता है कि कोई पाकिस्तानी कंपनी आखिर भारत में चुनावी बॉण्ड क्यों खरीद रही है और वह किस कंपनी को यह बॉण्ड दे रही है? हैरानी की बात है कि उसने 95 लाख के ये बॉण्ड पुलवामा हमले (14 फरवरी, 2019) के कुछ ही हफ्ते बाद खरीदे।
चुनावी बॉण्ड : सबसे बड़ा दानदाता लॉटरी किंग
निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को बताया कि राजनीतिक पार्टियों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी सिक्किम लॉटरी वाली फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज पीआर है, जिसने 1,368 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। दूसरे नंबर पर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है, जिसने 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। तीसरे नंबर पर 410 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड है।
वेदांता चौथे और हल्दिया एनर्जी 5वें नंबर पर
निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित अवधि से एक दिन पहले गुरुवार को चुनावी बॉन्ड का सारा डेटा अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया। वेबसाइट पर 763 पेजों की दो सूची अपलोड की गयी हैं। एक सूची में बॉन्ड खरीदने वालों की जानकारी है। दूसरी में राजनीतिक दलों को मिले बॉन्ड का ब्यौरा है। सूची के अनुसार 12 अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 तक 1 लाख, 10 लाख और 1 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गये हैं। सूची के अनुसार वेदांता लिमिटेड 400 करोड़ रुपये के साथ चौथे नंबर पर और हल्दिया एनर्जी लिमिटेड 377 करोड़ के साथ 5वें नंबर पर है। छठे नंबर पर भारती ग्रुप ​​​​​ने 247 करोड़ रुपये, 7वें नंबर पर एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 224 करोड़ रुपये, 8वें नंबर पर वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने 220 करोड़ रुपये, 9वें नंबर पर केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड ने 195 करोड़ रुपये और 10वें नंबर पर मदनलाल लिमिटेड ने 185 करोड़ रुपये का दान दिया है।
​​​​​​​दान पाने वाले राजनीतिक दल
निर्वाचन आयोग द्वारा अपलोड की गयी जानकारी में दूसरी सूची में पार्टियों का जिक्र है। इसमें पहले नंबर पर भाजपा है, जिसे 2363 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला है। दूसरे नंबर पर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस है, जिसे 416 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला है। वहीं बीजू जनता दल तीसरी सबसे ज्यादा चंदा पाने वाली पार्टी है, जिसे 328 करोड़ रुपये का चंदा मिला। देश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 302 करोड़ रुपये और द्रमुक को 294 करोड़ रुपये का चंदा मिला।
कोर्ट ने आयोग को दी थी 15 मार्च की डेडलाइन
शीर्ष न्यायालय ने आयोग को 15 मार्च तक यह डेटा सार्वजनिक करने का आदेश दिया था। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार ने बुधवार को शीर्ष न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर बताया कि न्यायालय के 11 मार्च के निर्देश के अनुसार चुनावी बॉन्ड से जुड़ी उपलब्ध जानकारी निर्वाचन आयोग को दे दी गयी है। एसबीआई के हलफनामे के अनुसार एक अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 तक 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गये। इनमें से 22,030 बॉन्ड का पैसा राजनीतिक पार्टियों ने कैश करा लिया है। पार्टियों ने 15 दिन की वैलिडिटी के भीतर 187 बॉन्ड को कैश नहीं किया, उसकी रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में ट्रांसफर कर दी गयी।

 

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