कोर्ट की रोक के बावजूद विश्व धरोहर काजीरंगा के पास अवैध खनन बढ़ा : सीईसी

जाने क्या है पूरा मामला
कोर्ट की रोक के बावजूद विश्व धरोहर काजीरंगा के पास अवैध खनन बढ़ा : सीईसी
Published on

नई दिल्ली : केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि शीर्ष न्यायालय द्वारा 2019 में रोक लगाने के बावजूद असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास पार्कुप पहाड़ क्षेत्र में अवैध खनन जारी है तथा और तेज हो गया है। न्यायालय ने 2019 में उद्यान के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में और उसके आसपास खनन और संबंधित गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था।

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल काजीरंगा में दुनिया में लुप्तप्राय एक सींग वाले गैंडों की लगभग 65 प्रतिशत आबादी निवास करती है। यह ब्रह्मपुत्र बाढ़ क्षेत्र और कार्बी आंगलोंग पहाड़ियों के बीच एक महत्वपूर्ण वन्यजीव गलियारे का हिस्सा है। शीर्ष न्यायालय ने सीईसी के पूर्व निष्कर्षों पर कार्रवाई करते हुए महत्वपूर्ण वन्यजीव आवासों और वन्य परिदृश्यों के क्षरण को रोकने के लिए इस क्षेत्र में खनन और संबंधित गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था।

असम में एक अज्ञात सरकारी कर्मचारी की शिकायत और फील्ड स्तरीय सत्यापन के आधार पर सीईसी ने 30 मई को उच्चतम न्यायालय को एक नयी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया कि चार अप्रैल 2019 को उच्चतम न्यायालय के प्रतिबंध के आदेश के बावजूद क्षेत्र में खनन गतिविधियां ‘जारी हैं तथा और तेज’ हो गयी हैं। ‘तस्वीरों’ से पता चलता है कि खनन उच्चतम न्यायालय के 2019 के प्रतिबंध आदेश के बाद बंद हो गया था लेकिन 2021 के बाद फिर से शुरू हुआ तथा तेज हो गया। असम के प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने पांच फरवरी को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें खनन पट्टों के निलंबन सहित की गयी कार्रवाई की रूपरेखा दी गयी।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in