नई दिल्ली: अफगानिस्तान ने दिल्ली में अपने दूतावास बंद करने की घोषणा कर दी है। इसके लिए अफगानिस्तान सरकार ने आधिकारिक बयान जारी किया है। अफगान सरकार की ओर से कहा गया कि भारत सरकार की लगातार चुनौतियों के कारण यह फैसला लिया गया है, जो 23 नवंबर 2023 से प्रभावी है। इस फैसले को लेकर भारत ने भी कड़ा रुख अपनाया है। इस मामले में भारत की ओर से कहा गया कि अफगानिस्तान सरकार ने कहा कि मेजबान सरकार से हमें वह समर्थन नहीं मिल रहा, जिसकी हमने उम्मीद लगाई थी, इसलिए हमें यह फैसले लेने को मजबूर होना पड़ा। बयान में आगे कहा गया कि वहां पर कर्मचारियों और संसाधनों की कमी है।
भारत छोड़कर जा रहे अफगानी लोग
अपने बयान में अफगानी दूतावास ने आगे कहा कि यह बात भी सच है की कई लोग इसे आंतरिक संघर्ष के रूप में दिखाने का प्रयास करेंगे। अफगान दूतावास ने अपने बयान में यह भी कहा कि दूतावास अफगान मिशन समर्थन के लिए भारत का हार्दिक धन्यवाद करता है। हालांकि, हमने संसाधनों में कमी के बावजूद और काबुल में वैध सरकार की अनुपस्थिति में अफगानी लोगों की बेहतरी के लिए अथक प्रयास किया है। इसके बावजूद पिछले 2 सालों और 3 महीनों में भारत में अफगान समुदाय में छात्रों और व्यापारियों के देश छोड़ने के साथ उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है।
तालिबान सरकार की छवी हुई धूमिल
अफगानिस्तान दूतावास का कहना है कि हमने भारत में रह रहे अफगान मूल के समुदायों के लिए जी जान से काम किया, लेकिन भारत में कई तरीकों से हमारी सरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई। तालिबान सरकार के द्वारा जिन लोगों को यहां भेजा गया, उनको भी टार्गेट किया गया।