नई दिल्ली : लोग जब मर जाते हैं तो उन्हें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दफनाया या जलाया जाता है। इसी तरह एक महिला रोसांगेला अल्मेडा की मौत पर उसके परिवार ने उसके शव को ताबूत में डालकर दफना दिया था। साथ ही उसपर पूरी तरह प्लास्टर कर दिया गया। महिला को दफनाए हुए 11 दिन बीत चुके थे, लेकिन स्थिति तब अजीब हो गई जब कब्रिस्तान के पास रहने वाले लोगों ने कब्र से आवाजें आने की बात कही। ये बात जानकर तो परिवार वालों के पांव तले जमीन खिसक गई।
‘गलती से जिंदा दफनाई दी गई थी?’
उसके परिवार ने अंततः पत्थर की कब्र को तोड़ दिया और रोसांगेला को उसके अंदर बेजान पाया, लेकिन उसकी जो हालत थी उससे ऐसी आशंका है कि वह गलती से जिंदा दफनाई दी गई थी। माना जा रहा है कि ये महिला ग्यारह दिनों तक अपने ताबूत के अंदर बेहोश पड़ी रही और उसके बाद बाहर निकलने की कोशिश करती रही। 37 वर्षीय रोसांगेला अल्मेडा बाहर निकलने के अपने संघर्ष के दौरान चिल्लाती रही। इस दौरान उनकी कलाइयों में चोट लगी थी। जब पूर्वोत्तर ब्राजील के रियाचाओ दास नेवेस के कब्रिस्तान से उसका शव निकाला गया तो ताबूत के अंदर खून पाया गया।
गर्म थे महिला के पैर
सामने आए वीडियो में लोग महिला को ताबूत से बाहर निकाल रहे हैं और कुछ लोग एम्बुलेंस बुलाने के लिए कहते हैं जबकि अन्य लोग महिला के पैर छूते हैं और कहते हैं कि ये कितनी गर्म है। हालांकि, उसे जल्द ही अस्पताल में ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया और अगले दिन उसे फिर दफना दिया गया। कब्रिस्तान के पास रहने वाले लोगों ने रोसेंगेला को दफनाए जाने के 11 दिन बाद कब्र के अंदर से आने वाली चीखों की आवाज सुनकर उसके परिवार को सचेत किया था। महिला के हाथों और माथे पर चोटें थीं, जिससे ऐसा लग रहा था कि उसने ताबूत से बाहर निकलने के लिए कोशिश की थी। महिला के कान और नाक में लगी रूई भी उसके शरीर से बाहर आ गई थी।