मुख्यमंत्री धामी ने कैलाश-मानसरोवर तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया

तूर्थयात्रियों का किया स्वागत
मुख्यमंत्री धामी ने कैलाश-मानसरोवर तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया
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देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को चंपावत जिले के टनकपुर पर्यटक विश्राम गृह से 11 राज्यों के तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को लेकर जा रही बस को हरी झंडी दिखाकर कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर रवाना किया।

पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए उन्हें उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते स्मृति चिह्न भेंट किए। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों का सौभाग्य है कि वे इस पावन यात्रा में शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हर किसी को कैलाश-मानसरोवर की यात्रा का सौभाग्य नहीं मिलता। यह सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक जागृति का मार्ग है।’ उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर गुजरने वाली कैलाश-मानसरोवर यात्रा पांच साल के अंतराल के बाद इस वर्ष फिर से शुरू हुई है। तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है और मानसरोवर पास ही में स्थित मीठे पानी की झील है। धामी ने कहा कि पहले लिपुलेख दर्रे से मानसरोवर यात्रा पूरी करने में सात दिन लगते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बुनियादी ढांचे के विकास के कारण अब यह यात्रा कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रत्येक पड़ाव पर स्वास्थ्य, आवास, भोजन, सुरक्षा एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं में सुधार किया गया है।


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