चारमीनार एक्सप्रेस देर से ब्रेक लगाने के कारण पटरी से उतरी थी

जांच अधिकारियों ने सौंपी रिपोर्ट
दुर्घटनाग्रस्त चारमीनार एक्सप्रेस (फाइल फोटो)
दुर्घटनाग्रस्त चारमीनार एक्सप्रेस (फाइल फोटो)
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नयी दिल्ली : रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने पिछले वर्ष चारमीनार एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना पर अपनी रिपोर्ट में देर से ब्रेक लगाना, आपातकालीन ब्रेक का उपयोग न करना और ‘स्टॉप बोर्ड’ को प्लेटफॉर्म के अंतिम छोर पर ले जाने को दुर्घटना का कारण बताया है।

रेलवे प्लेटफॉर्म पर एक ‘स्टॉप बोर्ड’ या ‘मार्कर’ होता है, जो दर्शाता है कि ट्रेन को कहां रुकना चाहिए ताकि वह सुरक्षित दूरी पर रहे और यात्री आसानी से चढ़-उतर सकें। लेकिन इस मामले में स्टॉप बोर्ड को इतना आगे खिसका दिया गया कि वह प्लेटफॉर्म के अंतिम छोर (डेड एंड) पर पहुंच गया था। चारमीनार एक्सप्रेस 10 जनवरी 2024 को हैदराबाद स्टेशन के टर्मिनल प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर अंतिम छोर से टकराने के बाद पटरी से उतर गयी थी, जिसमें 6 यात्री घायल हो गए थे। दक्षिण मध्य मंडल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि लोको पायलट ने स्वचालित ब्रेक देर से लगाया और सहायक लोको पायलट ने सुरक्षा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए आपातकालीन ब्रेक नहीं लगाया। रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना का प्रमुख कारण था स्टेशन प्रशासन द्वारा ‘स्टॉप बोर्ड’ को प्लेटफॉर्म के अंतिम छोर तक खिसका देना। रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने सिफारिश की कि सभी लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को रेलवे नियमों के तहत निर्धारित सुरक्षा उपायों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाए। इसके बाद, रेल मंत्रालय ने सभी रेलवे मंडलों को एक पत्र जारी किया, जिसमें ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारियों को सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। एक रेलवे अधिकारी ने बताया, ‘जोनल रेलवे को यह निर्देश दिया गया है कि वे ट्रेन के परिचालन से संबद्ध कर्मचारियों को यह परामर्श दें कि वे ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर प्रवेश करते समय गति को नियंत्रित करें, ताकि ट्रेन को अंतिम छोर से पहले रोका जा सके।’ उन्होंने कहा, ‘अंतिम छोर के पास पहुंचते समय ट्रेन की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा बनाए रखने के बारे में बताने के अलावा उन्हें यह भी सलाह दी गयी है कि इस समय वे बातचीत करने या अपना सामान पैक करने जैसी गतिविधियों में शामिल न हों।’


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