नई दिल्ली : चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने शिवशक्ति लैंडिंग पॉइंट से 100 मीटर की दूरी तय कर ली है। इसरो ने शनिवार (2 सितंबर) को लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के बीच की दूरी का ग्राफ शेयर किया है। इसमें दिखाया गया है कि प्रज्ञान पहले लैंडर से पश्चिम की तरफ जा रहा था। बाद में इसने दिशा बदलकर उत्तर की तरफ चलना शुरू किया। इसरो ने 50×50 स्केल के आधार पर ग्राफ बनाया है। जिसमें बताया है कि रोवर 101.4 मीटर दूरी चल चुका है। विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरा था। रोवर को यह दूरी तय करने में 10 दिन लगे।
14 दिन का है मिशन, अब स्लीप मोड की तैयारी
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि लूनर नाइट्स नजदीक हैं। इसलिए इसरो चंद्रयान-3 को स्लीप मोड में लाने की तैयारी कर रहा है। चंद्रयान-3 मिशन 14 दिनों का है। 2 सितंबर को इसका 11वां दिन है। यानी प्रज्ञान के पास साउथ पोल रिसर्च के लिए 3 दिन और बाकी हैं। दरअसल, चंद्रमा पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। जब यहां रात होती है तो तापमान -100 डिग्री सेल्सियस से भी कम हो जाता है। चंद्रयान के लैंडर और रोवर अपने सोलर पैनल्स से पावर जनरेशन कर रहे हैं।
रोवर-लैंडर 14 दिन तक तो पावर जनरेट कर लेंगे, लेकिन रात होने पर पावर जनरेशन प्रोसेस रुक जाएगी। पावर जनरेशन नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स भयंकर ठंड को झेल नहीं पाएंगे और खराब हो सकते हैं।
1 सेमी प्रति सेकेंड की गति से चल रहा रोवर
छह पहियों वाले प्रज्ञान रोवर का वजन 26 किलो है। लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद गुरुवार सुबह ISRO ने रोवर के बाहर आने की पुष्टि की थी। लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर उतरा था। ये 1 सेमी प्रति सेकेंड की गति से चल रहा है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल करता है।