

गुवाहाटी : असम विधानसभा में गायक जुबिन गर्ग की मौत के मुद्दे पर चर्चा के लिए विपक्ष द्वारा मंगलवार को लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के अनुरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। हाल में दिवंगत हुए कुछ लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद जैसे ही शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया और निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई इस मुद्दे पर अपने कार्य स्थगन प्रस्ताव को अनुमति देने का अनुरोध करने लगे।
जैसे ही अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी उन्हें प्रस्ताव की स्वीकार्यता पर बोलने की अनुमति देने वाले थे, तभी मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया। शर्मा ने कहा कि सरकार भी इस मामले से अवगत है और उन्होंने अध्यक्ष से कार्य स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने का अनुरोध किया।
उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों और अनुदान की अनुपूरक मांगों को भी उन मामलों की आवश्यकता के कारण प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाए, जो आज की मूल कार्यसूची में हैं। शर्मा ने यह भी कहा कि सत्ता पक्ष का कोई भी सदस्य इस चर्चा में नहीं बोलेगा और सरकार की ओर से केवल जवाब दिया जाएगा।
अध्यक्ष ने कार्य स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कहा कि चर्चा के अंत में विधेयकों और अनुदान की अनुपूरक मांगों को सदन में रखा जाएगा। उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे ऐसी कोई टिप्पणी न करें जिससे गर्ग की मौत की जांच में बाधा उत्पन्न हो। जुबिन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मौत हो गई थी। राज्य पुलिस का एक विशेष जांच दल उनकी मौत की परिस्थितियों की जांच कर रहा है।
क्या होता है कार्य स्थगन प्रस्ताव
स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion) एक संसदीय प्रक्रिया है जिसके द्वारा संसद का ध्यान तत्काल सार्वजनिक महत्व के एक विशिष्ट और आवश्यक मामले की ओर आकर्षित किया जाता है। यह प्रस्ताव सदन के सामान्य कामकाज को निलंबित कर देता है और बिना किसी अन्य कार्य के, उस महत्वपूर्ण मामले पर चर्चा की अनुमति देता है। इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए अध्यक्ष या सभापति की सहमति आवश्यक होती है।
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