पुरी जगन्नाथ मंदिर की स्थापत्य विरासत को संरक्षित करने के लिए एएसआई, एसजेटीए करेंगे संयुक्त पहल

संयुक्त बैठक में लिया फैसला
पुरी जगन्नाथ मंदिर की स्थापत्य विरासत को संरक्षित करने के लिए एएसआई, एसजेटीए करेंगे संयुक्त पहल
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भुवनेश्वर : पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 12वीं शताब्दी के मंदिर की स्थापत्य विरासत व संरचनात्मक अखंडता को संरक्षित करने के लिए सहयोगात्मक पहल करने पर सहमति व्यक्त की है। अधिकारियों ने बताया कि एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढ़ी और एएसआई के महानिदेशक यदुवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को पुरी जगन्नाथ मंदिर के संरक्षण प्रयासों पर चर्चा की। एसजेटीए की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘बैठक में मंदिर की स्थापत्य विरासत, संरचनात्मक अखंडता और सांस्कृतिक महत्व को संरक्षित करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया गया।’ विज्ञप्ति में कहा गया कि एएसआई और एसजेटीए दोनों ने प्रतिष्ठित धार्मिक व सांस्कृतिक स्थल की सुरक्षा में अपनी साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। पाढ़ी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘एएसआई के महानिदेशक और उनकी उच्चस्तरीय टीम के साथ मेरी एक सार्थक बैठक हुई। हमने श्री जगन्नाथ मंदिर के लिए जारी और भविष्य की कुछ संरक्षण पहलों पर विस्तार से चर्चा की।’ बैठक में 27 जून से शुरू होने वाली रथयात्रा के दौरान गर्भगृह में किए जाने वाले महत्वपूर्ण जीर्णोद्धार कार्य पर भी चर्चा की गयी। रत्न भंडार के संरक्षण और मरम्मत कार्य तथा वृद्ध और दिव्यांग श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रैंप बनाने का कार्य शीघ्र पूरा करने पर विचार-विमर्श किया गया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि नट मंडप (नृत्य हॉल) को वातानुकूलित करने, मंदिर के अग्रभाग में रोशनी और ‘जगमोहन’ (सभा हॉल) में संरक्षण कार्य के लिए भी चर्चा की गयी।

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