नयी दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की उस याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा, जिसमें फरवरी 2020 में उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए दंगों के दौरान आईबी कर्मी अंकित शर्मा की हत्या से संबंधित मामले में जमानत मांगी गयी है।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने ताहिर हुसैन की उस याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी किया, जिसमें परिस्थितियों में व्यापक बदलाव के अभाव में ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज करने के निचली अदालत के 3 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी गयी थी। ताहिर हुसैन ने अपनी याचिका में कहा कि मामले में सुनवाई शुरू हो गयी है और अभियोजन पक्ष के 114 गवाहों में से 20 से अब तक पूछताछ हो चुकी है तथा वह पिछले चार साल नौ महीने से जेल में है। अधिवक्ता तारा नरुला के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि आवेदक लंबे समय तक जेल में रहा है और अभी बड़ी संख्या में गवाहों से पूछताछ होनी है, इसलिए सुनवाई जल्द समाप्त होने की संभावना नहीं है। याचिका में कहा गया कि दंगाई भीड़ में शामिल होने और हत्या को अंजाम देने के सह-अभियुक्तों को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। अभियोजन पक्ष के अनुसार शिकायतकर्ता रवींद्र कुमार ने 26 फरवरी, 2020 को दयालपुर थाने के अधिकारियों को सूचित किया था कि आसूचना ब्यूरो (आईबी) में पदस्थ उनका बेटा अंकित शर्मा 25 फरवरी, 2020 से लापता है। उन्हें बाद में कुछ स्थानीय लोगों से पता चला कि एक व्यक्ति की हत्या करने के बाद उसे चांद बाग पुलिया की मस्जिद से खजूरी खास के नाले मे फेंक दिया गया है। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि अंकित शर्मा का शव खजूरी खास नाले से मिला और उसके शरीर पर 51 घाव थे। मामले में ताहिर हुसैन एक अभियुक्त है। अभियोजन पक्ष के अनुसार अंकित शर्मा की हत्या करने वाली हिंसक भीड़ में चार और अभियुक्त शामिल थे। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और इसका विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी, 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुईं, जिनमें 53 लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
अंकित शर्मा हत्याकांड : ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी पर पुलिस से जवाब तलब
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