मणिपुर के 6 महीने के बजट के लिए 51,463 करोड़ रुपये की राशि मंजूर

राज्यसभा में निर्मला सीतारमण ने किया पेश
मणिपुर के 6 महीने के बजट के लिए 51,463 करोड़ रुपये की राशि मंजूर
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सर्जना शर्मा

नयी दिल्ली : अनुदान की अनुपूरक मांगों और मणिपुर के 6 महीने के बजट के लिए संसद में 51,463 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दे दी गयी है। मार्च 31 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 51,462.86 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय करने के लिए संसद से अनुमोदन की मांग की थी। इस राशि का बड़ा हिस्सा पेंशन और उर्वरक पर सब्सिडी के लिए दिया जाएगा। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में इन बिलों पर चर्चा का जवाब दिया। लोकसभा में सोमवार को ये बिल पारित किए जा चुके हैं। राज्यसभा में चर्चा और वित्त मंत्री के जवाब के बाद ध्वनिमत से इनको लौटा दिया गया। निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में मणिपुर का बजट पेश किया था, जिसमें 35,103.90 करोड़ रुपये व्यय का अनुमान किया गय़ा था। मणिपुर में इस समय राष्ट्रपति शासन लागू है। एक फरवरी को पेश किए बजट में मणिपुर के लिए 32,656.61 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। मणिपुर में फरवरी के दूसरे सप्ताह से राष्ट्रपति शासन लागू है। मणिपुर के मामले पर विपक्ष के सभी आरोपों का निर्मला सीतारमण ने करारे जवाब दिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। केंद्र राज्य में समृद्धि लाने के लिए प्रतिबद्ध है। सीतारमण ने कहा कि विपक्ष संसद में हर समय कहता है कि प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए? पहले ये कांग्रेस और संप्रग सरकार का इतिहास देख लें, उनके तत्कालीन प्रधानमंत्री कितनी बार मणिपुर गए। जबकि राजग सरकार के गृहमंत्री और गृह राज्यमंत्री अनेक बार मणिपुर गए। अमित शाह चार दिन वहां रहे। राहत शिविरों में जाकर अलग अलग समुदाय के लोगों से बात की। उनकी बात सुनी और समस्या का समाधान किया।जबकि 1990 और 1993 में जब मणिपुर जल रहा था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और गृहमंत्री शंकर राव मणिपुर नहीं गए थे। निर्मला सीतारमण ने उल्टे विपक्ष विशेषकर टीएमसी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जब सदन में मणिपुर पर बोल रहे थे तो उनको बोलने नहीं दिया गया। यदि विपक्ष को सचमुच मणिपुर की चिंता है तो हंगामा और टोकाटाकी करने के बजाए संवेदनशील मुद्दे को सुलझाने की दिशा में मदद करते।

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