क्यों हेलमेट पहनकर Amarnath Yatra करेंगे श्रद्धालु ?

क्यों हेलमेट पहनकर Amarnath Yatra करेंगे श्रद्धालु ?

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नई दिल्ली : इस साल की अमरनाथ यात्रा शनिवार यानी 1 जुलाई से शुरू होने जा रही है। इस बार यात्रा खास है और श्रद्धालुओं के लिए इंतजाम भी बेहद पुख्ता किए गए हैं। बारिश और लैंडस्लाइड से बचाने की भी तैयारी है। पिछले साल गुफा के पास बादल फटने से बाढ़ आ गई थी, इसे देखते हुए ऐहतियात बरता जा रहा है। श्राइन बोर्ड ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के लिए 3 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। इस बार अब तक की सबसे लंबी यात्रा चलेगी। अमरनाथ यात्रियों का सबसे बड़ा बेस कैंप नूनवन पहलगाम में है।

कुछ हिस्सों को माना गया संवेदनशील

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के सीईओ मनदीप कुमार भंडारी ने बताया कि यात्रा मार्ग पर लैंडस्लाइड और पत्थर गिरने की घटनाओं को ध्यान में रखकर कुछ हिस्सों को संवेदनशील माना गया है। यहां से गुजरने पर यात्रियों को हेल्मेट पहनना अनिवार्य किया गया है। जो श्रद्धालु खच्चर का इस्तेमाल करेंगे, उनके लिए भी हेल्मेट जरूरी है। यह हेल्मेट श्राइन बोर्ड की तरफ से निशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक रजिस्ट्रेशन की संख्या पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन यात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है। दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा 1 जुलाई से शुरू होने वाली है।

 इस साल 62 दिन की सबसे लंबी यात्रा चलेगी

तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 30 जून को जम्मू के भगवती नगर आधार कैंप से घाटी के लिए रवाना हो रहा है। भंडारी ने बताया कि यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त तक चलेगी। इस साल की तीर्थयात्रा 62 दिनों की होगी और अब तक की सबसे लंबी होगी। अब तक तीन लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं।

यात्रा मार्ग को बनाया गया है बेहतर

सीईओ ने बताया कि 70 वर्ष की आयु तक के यात्री तीर्थयात्रा कर सकते हैं। बालटाल के दो मार्गों से यात्रा की जा सकेगी, जिसमें 14.5 किमी की ट्रैकिंग और चंदनवारी से 13,000 फीट की ऊंचाई पर पवित्र गुफा मंदिर तक 32 किमी की ट्रेकिंग शामिल है। इस साल दोनों मार्गों पर यात्रा ट्रैक को बेहतर बनाया गया है। पटरियों को चौड़ा कर दिया गया है और हैंड रेलिंग लगा दी गई है।

गुफा मंदिर के पास रहने की अनुमति नहीं

उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए दोनों यात्रा मार्गों में रोशनी का इंतजाम किया गया है। गुफा मंदिर के रास्ते में पर्वतीय बचाव दल तैनात किए गए हैं। भंडारी ने कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को रात के दौरान गुफा मंदिर के पास रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रियों को महत्वपूर्ण सूचनाओं से अवगत कराने के लिए सभी कैंप में सार्वजनिक संबोधन सिस्टम के साथ-साथ वीडियो वॉल भी लगाई गई हैं।

पूरे ट्रैक पर मिलेगी टेलीकॉम सुविधा

उन्होंने कहा कि पूरे ट्रैक पर टेलीकॉम उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ा प्रयास किया गया है, जिसमें सेवा प्रदाताओं द्वारा दोनों ट्रैक पर OFC केबल बिछाई गई है ताकि इंटरनेट सुविधा और टेलीकॉम सुविधा हर समय उपलब्ध रहे। इस साल यात्रा के लिए करीब 5,100 अलग टॉयलेट तैयार करने की संयुक्त पहल की गई है।

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