
ठाणे : महाराष्ट्र के ठाणे शहर में एक बुजुर्ग महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर 3 करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी गिरोह से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, 61 वर्षीया महिला को 13 अगस्त, 2024 को फोन आया और फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को कुरियर कंपनी का एक कर्मचारी बताया था। जालसाज ने दावा किया कि उसने महिला का एक पार्सल जब्त किया है, जिसमें एक लैपटॉप, 140 ग्राम एमडी (मादक पदार्थ) पाउडर, थाइलैंड का एक पासपोर्ट, तीन क्रेडिट कार्ड और 4 किलोग्राम कपड़े हैं। पुलिस के अनुसार, इसके तुरंत बाद एक अन्य व्यक्ति ने फोन किया और महिला की पहचान सत्यापित करने के मकसद से खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया। अभियुक्त ने कुछ फर्जी दस्तावेज दिखाए और महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखकर उसे रुपये खाते में भेजने को मजबूर किया। महिला ने 2 अलग-अलग राष्ट्रीयकृत बैंकों के खातों में कुल 3.04 करोड़ रुपये भेजे। जांच के आधार पर 19 जून को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान मुंबई की श्री सत्कार पथपेढ़ी (सहकारी ऋण संस्था) के अध्यक्ष किशोर बंसीलाल जैन (63), वस्त्र और आभूषण कारोबार से जुड़े महेश पवन कोठारी (36) और कॉस्मेटिक व्यवसाय से जुड़े धवल संतोष भालेराव (26) के रूप में हुई है।
ठाणे के पुलिस उपायुक्त पराग मानेरे ने बताया, ‘अभियुक्तों ने खुद को उच्च पदस्थ अधिकारी बताकर पीड़िता का भरोसा हासिल किया।’ पुलिस ने बताया कि इस संबंध में 13 सितंबर, 2024 को भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी), 316(5) (विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 336(3) (जालसाजी), 340(2) (फर्जी दस्तावेज को असली बताकर इस्तेमाल करना) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। ठाणे साइबर पुलिस की गहन जांच में इस ठगी का संबंध एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह से पाया गया। पुलिस के अनुसार, अभियुक्तों ने पीड़िता से वसूली गयी रकम में से 82.46 लाख रुपये विदेश भेजे, जिसे अमेरिकी डॉलर में कथित तौर पर बदला गया। मानेरे ने बताया, ‘अभियुक्तों ने पीड़िता को भ्रमित करने के लिए पूरी कहानी बहुत सोच-समझकर गढ़ी थी।’ :‘’