91 वर्षीय व्यक्ति ने 88 वर्ष की पत्नी पर चाकू से किया वार, वजह सुन हो जाऐंगे दंग

कोर्ट ने व्यक्ति को दी जमानत
91 वर्षीय व्यक्ति ने 88 वर्ष की पत्नी पर चाकू से किया वार, वजह सुन हो जाऐंगे दंग
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कोच्चि : केरल हाई कोर्ट ने अवैध संबंध के आरोपों से गुस्सा होकर अपनी 88 वर्षीया पत्नी को चाकू मारने के अभियुक्त 91 वर्षीय व्यक्ति को जमानत दे दी। मामले के अनुसार याचिकाकर्ता थेवन अपनी पत्नी कुंजली के साथ रहता था, अचानक कुंजली ने अपने पति पर किसी और महिला से संबंध रखने का आरोप लगाना शुरू कर दिया, जिसके बाद उनके बीच तनाव पैदा हो गया।

थेवन ने चाकू से किया था कुंजली से हमला

अभियोजन पक्ष के अनुसार, महिला ने अपने पति पर अन्य महिला के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया, जिसके बाद बुजुर्ग व्यक्ति अपमानित महसूस कर रहा था। दोनों के बीच का यह विवाद उस वक्त खुल कर सामने आया जब थेवन ने कथित तौर पर कुंजली पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गयी। अभियुक्त को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं।

क्या कहना है कोर्ट का ?

न्यायमूर्ति पी वी कुन्हिकृष्णन ने थेवन की ओर से दाखिल की गयी जमानत याचिका पर विचार किया। कोर्ट ने 10 अप्रैल के अपने आदेश में कहा,‘मैं इस पर और कोई चर्चा नहीं करना चाहता। 91 वर्षीय थेवन को बुढ़ापे में अपनी 88 वर्षीया पत्नी कुंजली के साथ खुशी से रहने दिया जाए। उनका जीवन खुशहाल हो।’ कोर्ट ने 91 वर्षीय व्यक्ति को मानक शर्तों के साथ जमानत देते हुए कहा कि थेवन को पता होना चाहिए कि बुढ़ापे में उनकी एकमात्र ताकत उनकी 88 वर्षीया पत्नी कुंजली ही है और कुंजली को भी यह समझना चाहिए कि उनकी एकमात्र ताकत 91 वर्षीय थेवन ही हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में दंपति के बीच प्रेम का भी जिक्र किया।

कोर्ट ने कहा,‘थेवन और कुंजली को यह समझना चाहिए कि उम्र के साथ प्रेम की रोशनी कम नहीं होती, बल्कि और उज्ज्वल होती है। कुंजली जो 88 वर्ष की हैं अब भी अपने पति से प्यार करती हैं और यही कारण है कि वह अपने पति जो 91 वर्ष के हैं, पर करीब से नजर रखती हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है एक-दूसरे के लिए हमारा प्यार और गहरा होता जाता है।’ कोर्ट ने कानून की सख्त भाषा से इतर दिवंगत मलयालम कवि एन एन कक्कड़ की अंतिम रचना ‘सफलमी यात्रा’ का जिक्र किया। इस कविता में उम्र ढलने, प्यार और शांत संगति का वर्णन है।कोर्ट के आदेश में कुछ छंद शामिल किए गए। कोर्ट ने कहा कि एक विवाह तब सफल नहीं होता जब ‘परफेक्ट कपल’ एक साथ आते हैं, यह तब होता है जब ‘इम्परफेक्ट कपल’ अपने भिन्नता का आनंद लेना सीखते हैं।

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