

देहरादून : उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत देहरादून जिले में पुलिस ने रविवार को साधु-संतों के वेश में कथित रूप से लोगों को ठगने वाले 34 और बहुरूपियों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही देहरादून जिले में अब तक इस अभियान के तहत 82 ढोंगी बाबाओं की गिरफ्तारी हो चुकी है।
देहरादून जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर गुरुवार को शुरू किए गए अभियान के तहत पुलिस ने अनेक टीमें गठित की हैं और ऐसे विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है जहां ढोंगी बाबाओं द्वारा धर्म की आड़ में लोगों की भावनाओं व आस्था से खिलवाड़ कर ठगी करने का प्रयास करने की सूचनाएं मिल रही हैं।
उन्होंने बताया कि रविवार को जिले भर में 34 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया जिनमें से 23 अन्य राज्यों के रहने वाले हैं। एसएसपी ने बताया कि पिछले तीन दिनों में जिले भर में ऐसे 82 बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है और इनके विरुद्ध भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता के तहत वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार ढोंगी बाबाओं में से एक बांग्लादेशी नागरिक रूकन रकम उर्फ शाह आलम भी है जिसे शुक्रवार को देहरादून जिले के सहसपुर क्षेत्र से पकड़ा गया था। उन्होंने कहा कि यह अभियान अभी जारी रहेगा। एसएसपी ने कहा कि इस समय प्रदेश में जारी चारधाम यात्रा तथा कांवड़ यात्रा का सहारा लेकर ढोंगी बाबा और सक्रिय हो गए हैं, जिनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कालनेमि एक असुर था, जिसका दोनों प्रमुख हिंदू धर्मग्रंथों- रामायण और महाभारत में उल्लेख है। रावण के मामा मारीच के पुत्र कालनेमि ने साधु का वेश धारण कर लक्ष्मण की मुर्च्छा को तोड़ने के लिए संजीवनी बूटी ला रहे हनुमान का रास्ता रोकने का प्रयास किया था। हालांकि, हनुमान उसकी असलियत समझ गए और उन्होंने उसका वध कर दिया था। महाभारत काल में कालनेमि का पुनर्जन्म कंस के रूप में हुआ जिसका संहार भगवान कृष्ण ने किया। अधिकारियों को इस अभियान की शुरुआत करने का निर्देश देते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिस प्रकार असुर कालनेमि ने साधु का वेश धारण कर भ्रमित करने का प्रयास किया था, वैसे ही आज समाज में कई ‘कालनेमि’ सक्रिय हैं जो धार्मिक वेश धारण कर अपराध कर रहे हैं।