Ayodhya में 3.5 टन के जटायु

Ayodhya में 3.5 टन के जटायु
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अयोध्या: अयोध्या में कुबेर टीले के ऊपर स्थापित पौराणिक पक्षी जटायु की 3.5 टन की मूर्ति को बनाने में तीन महीने लगे। इसके लिए दो महीने तक व्यापक शोध किया गया। प्रसिद्ध कलाकार राम सुतार द्वारा बनाई गई यह मूर्ति राम मंदिर परिसर में एक टीले पर आठ फीट के आधार पर भव्य रूप से स्थापित है। सुतार के बेटे अनिल सुतार ने बताया, "यह 20 फुट ऊंची है और इसकी लंबाई आठ फुट और चौड़ाई आठ फुट है। इसका वजन 3.5 टन है। यह बहुत खुशी की बात है कि इसे अब अयोध्या में जगह मिल गई है।" मूर्तिकार पिता-पुत्र की जोड़ी 22 जनवरी को राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुई थी। राम सुतार अगली फरवरी में 99 वर्ष के हो जाएंगे।
पहले छोटे मॉडल तैयार किए
उन्होंने गुजरात में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' सहित भारत की कुछ सबसे प्रतिष्ठित मूर्तियां बनाई हैं। अनिल सुतार ने कहा कि उन्होंने नोएडा में अपने स्टूडियो में रामायण के यादगार पात्र जटायु की मूर्ति बनाने में अपने पिता की सहायता की थी तथा वहां से इसे एक ट्रक में अयोध्या लाया गया। उन्होंने बताया, "यह 85 प्रतिशत तांबा, पांच प्रतिशत टिन, इतने ही प्रतिशत जस्ता और सीसा के साथ मिश्रित धातु से बनाई गई है।" रामायण के मुताबिक जटायु को रावण ने तब मार डाला था जब वह देवी सीता को बचाने की कोशिश कर रहा था। अनिल ने कहा कि प्रतिमा के लिए व्यापक शोध के तहत ग्रंथों में पक्षी का संदर्भ खोजने में दो महीने लगे। उन्होंने कहा, "हमने गिद्ध की शारीरिक रचना का अध्ययन किया और पहले छोटे मॉडल तैयार किए और आखिरकार पिछले महीने इस काम को अंजाम दिया।"

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