

मधु, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोविड काल ने लोगों के जीवन में कई तरह के बदलाव लायें। इनमें एक अहम बदलाव था लाेक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आयोजन घाटों के साथ ही घरों और हाउसिंग कॉम्प्लेक्स की छतों पर भी शुरू हो गया। पहले भी कुछ लोग अपने घरों की छतों पर छठ पूजा करते थे, लेकिन इनकी संख्या काफी कम थी। हालांकि कोविड काल के बाद इसमें काफी बढ़ोतरी हुई और आज काफी संख्या में हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में रहने वाले लोग कॉम्प्लेक्स के अंदर ही स्वीमिंग पूल अथवा छतों पर कृत्रिम तालाब बनाकर पूजा करने लगे हैं। इससे बाहर की भीड़भाड़ से भी लोग बच जाते हैं और साथ ही आपस में मिलकर काफी सुंदर ढंग से त्योहार मनाने का मौका भी मिल जाता है। शहर के अपार्टमेंट्स और हाउसिंग कॉम्प्लेक्सों में श्रद्धालु परिवारों ने तैयारी शुरू कर दी है। पूजा समितियां सफाई, सुरक्षा और रोशनी की जिम्मेदारी संभाल रही हैं, वहीं महिलाएं सूप, दउरा और प्रसाद की सामग्री जुटाने में लगी हैं। हर ओर छठ मइया के गीतों की गूंज और उत्साह का माहौल बना हुआ है।
इको फ्रेंडली पूजा पर जोर
महेशतल्ला स्थित पूर्ति फ्लावर्स रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ओम प्रकाश अग्रवाल ने कहा, ‘इस साल, हमने पूजा के लिए कॉम्प्लेक्स में वाटरबॉडी बनायी है, परिसर में लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है और साथ ही छठ के गीत भी बजाये जायेंगे। कॉम्प्लेक्स के 150 से अधिक लोग छठ पूजा में शामिल होंगे। इसके साथ ही हम लोगों के लिए सुरक्षित, शांत व इको फ्रेंडली माहौल के प्रति भी कटिबद्ध हैं। सभी को पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन मानने के लिए कहा गया है।’ साउथ सिटी रेसिडेंसी के मनोज गुप्ता ने बताया कि हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर छोटा लेक है जहां हर साल छठ पूजा होती है। लेक के चारों ओर लाइटिंग और फूलों से सजावट की जायेगी। कॉम्प्लेक्स के लगभग 20 परिवार छठ पूजा में शामिल होते हैं। फोरम प्रवेश फ्लैट ओनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि उनके कॉम्प्लेक्स में कुल 12 टावर और 526 फ्लैट्स हैं जिनमें लगभग 70 परिवार छठ पूजा करते हैं। ऐसे में लोग अपने-अपने कॉम्प्लेक्स की छत पर पूजा करते हैं और कुछ लोग घाट पर भी जाते हैं। छतों की टेेरेस पर काफी सुंदर लाइटिंग की जाती है।