
कोलकाता : सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। ये उद्यम रोजगार, आय और स्थानीय विकास के प्रमुख स्रोत हैं। हालांकि, समावेशी और सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए इन उद्यमों का फलना-फूलना आवश्यक है। विश्व एमएसएमई दिवस वह उपयुक्त अवसर है जब हम इन उद्यमों की नवाचार, आजीविका निर्माण और अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में निभाई जा रही अनिवार्य भूमिका का उत्सव मना सकते हैं।
सुशील मोहता, चेयरमैन, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर एनडीआईटीए एवं चेयरमैन, मर्लिन ग्रुप ने पश्चिम बंगाल में एमएसएमई के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। वह बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा उपभोक्ता मामले मंत्रालय, पश्चिम बंगाल सरकार, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर एनडीआईटीए एवं अन्य संगठनों के सहयोग से आयोजित विश्व एमएसएमई कॉन्क्लेव के अवसर पर बोल रहे थे। सुशील मोहता ने इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के फलते-फूलते एमएसएमई को सशक्त बनाने में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की भूमिका को रेखांकित किया। इस अवसर पर राज्य के उपभोक्ता मामलों के मंत्री बिप्लब मित्रा ने एमएसएमई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस मौके पर सुदीप पाल, सहायक निदेशक, एमएसएमई-डीआई, भारत सरकार; सुशील मोहता, चेयरमैन, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर एनडीआईटीए; सुंजॉय नाथ, संस्थापक, ईडीसीआई; सुप्रियो घोष, चेयरपर्सन, नेशनल एमएसएमई कमिटी, बीसीसीआई और प्रबंध भागीदार, गिरीश चंद्र घोष एंड जीजीएस; तथा सुभदीप घोष, महानिदेशक, बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (बीसीसीआई) उपस्थित थे।
भारत के कुल एमएसएमई का 21% योगदान बंगाल से
पश्चिम बंगाल में लगभग 90 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं, जो भारत के कुल एमएसएमई का 21% से अधिक है। ये इकाईयां 1.35 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देती हैं, जिनमें 32.7% महिलाएं नेतृत्व में हैं। राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई विकास के लिए हाल ही में किए गए 1,229 करोड़ रु. के आवंटन जिसमें अवसंरचना, जलवायु अनुकूलन, सामाजिक सशक्तिकरण और चाय उद्योग के पुनरुद्धार पर विशेष ध्यान दिया गया है, को एक दूरदर्शी पहल माना जा सकता है। इंजीनियरिंग वस्तुओं से लेकर चाय, चमड़ा, वस्त्र, आभूषण और आईटी तक, बंगाल के एमएसएमई भारत के निर्यात परिदृश्य में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
पहली बार मलेशिया में होगी भारतीय भागीदारी
सुशील मोहता ने कहा, ‘हम पहली बार वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, एनडीआईटीए से भारतीय एमएसएमई की भागीदारी को ऑयल एंड गैस एशिया, कुआलालंपुर, मलेशिया में सुनिश्चित कर रहे हैं। 2 से 4 सितंबर 2025 तक, हम 20-सदस्यीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे जो दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे बड़े और प्रभावशाली ऊर्जा उद्योग आयोजनों में से एक है।’ वे यह बात बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा आयोजित विश्व एमएसएमई कॉन्क्लेव में कह रहे थे, जिसमें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर एनडीआईटीए इंडस्ट्री पार्टनर के रूप में जुड़ा है। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर एनडीआईटीए बंगाल का पहला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, मर्लिन ग्रुप द्वारा विकसित एक परियोजना है। इसका उद्देश्य पश्चिम बंगाल को 320 से अधिक वैश्विक वर्ल्ड ट्रेड सेंटर्स के नेटवर्क से जोड़ते हुए व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देना है।
पश्चिम बंगाल के एमएसएमई को समर्थन देने हेतु डब्ल्यूटीसी एनडीआईटीए निम्नलिखित कदम उठाएगा :
1. वैश्विक बाजार तक पहुंच: अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भागीदारी और व्यापार प्रतिनिधिमंडल का आयोजन। वैश्विक खरीदारों, वितरकों और निवेशकों से व्यापारिक मेल
निर्यात सहायता — दस्तावेज़, अनुपालन, लॉजिस्टिक्स संबंधी मार्गदर्शन।
2. व्यापार खुफिया और निवेश सुविधा: क्षेत्रीय शोध, व्यापार आंकड़े और वास्तविक समय खुफिया जानकारी। एशिया, यूरोप, मध्य पूर्व, अमेरिका आदि क्षेत्रों में एफटीए के तहत अवसर। बंगाल के निवेश क्षमता को प्रस्तुत करना
3. क्षमता निर्माण और व्यापारिक सहायता: निर्यात विपणन, गुणवत्ता मानक और आपूर्ति शृंखला पर प्रशिक्षण। एमएसएमई स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन सपोर्ट। बी2बी नेटवर्किंग और सम्मेलनों का आयोजन।
4. रणनीतिक सहयोग: बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट को वैश्विक मंच पर बढ़ावा। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर्स मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोच्चि, नोएडा के साथ समझौता। अमेजन ग्लोबल सेलिंग जैसे डिजिटल कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ भागीदारी।
5. वैश्विक मूल्य शृंखला में एकीकरण को प्रोत्साहन: आज के बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में, ग्लोबल वैल्यू चेन में एकीकरण आवश्यक हो गया है। डब्ल्यूटीसी एनडीआईटीए अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं, साझेदारों और ग्राहकों से जुड़ने में एमएसएमई की सहायता करेगा जिससे तकनीकी हस्तांतरण, प्रक्रिया नवाचार और उत्पादकता में वृद्धि होगी। यह केवल वस्तु निर्यात का विषय नहीं है — यह भारत की क्षमता, उत्कृष्टता और आत्मविश्वास के निर्यात का प्रतीक है।