इस महिला की दी हुई साड़ी पहन कर निर्मला सीतारमण ने बजट क्यो पेश किया ?

जानिए कौन हैं दुलारी देवी, जिनकी साड़ी में वित्त मंत्री ने पेश किया बजट
इस महिला की दी हुई साड़ी पहन कर निर्मला सीतारमण ने बजट क्यो पेश किया ?
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नई दिल्ली - केंद्रीय वित्त मंत्री ने शनिवार को लगातार आठवां बजट पेश कर दिया है। इस बार के बजट ने अलग-अलग वर्गों की उम्मीदों को भी कई हद तक पूरा किया है। बजट को लेकर आज एक और खास बात देखने को मिली है। बजट 2025-26 के लिए निर्मला सीतारमण ने क्रीम कलर की एक साड़ी पहनी थी।

इस साड़ी पर मधुबनी आर्ट बना हुआ था। आपको बता दें कि इस साड़ी को बिहार की दुलारी देवी ने वित्त मंत्री को तोहफे में दिया था। यह जानने के बाद अब आपके मन में सबसे बड़ा सवाल यह आ रहा होगा कि दुलारी देवी हैं कौन, जिनकी दी हुई साड़ी वित्त मंत्री ने इतने खास मौके पर पहनी है।

कौन हैं दुलारी देवी ?

दुलारी देवी बिहार के मधुबन के रांटी गांव की रहने वाली एक महिला हैं। उनका जन्म मछुआरा जाति में हुआ था। संघर्ष से भरे जिवन में उन्हें पढ़ने लिखने का मौका नहीं मिला। 12 साल के उम्र में ही उनकी शादी हो गई। उन्होंने छोटी सी उम्र में ही एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन वो जिंदा नहीं बची। पति के साथ रिश्ते अच्छे ना होने की वजह से उन्होंने 16 साल की उम्र में अलग होने का फैसला ले लिया।

खेतों में मजदूरी और लोगों के घरों में काम कर करके दुलारी देवी अपना जीवन गुजार रही थी। इसी बीच दुलारी देवी को प्रख्यात मधुबनी पेंटिंग कलाकर कर्पूरी देवी मिलीं। यहां से उनकी जिंदगी का नया सफर शुरू हुआ।

उन्होंने मधुबनी पेंटिंग करना सीखा और देश में काफी नाम कमाया। पेंटिंग करने का यह सिलसिला आज तक चल ही रहा है। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी दुलारी की तारीफ की थी। आपको बता दें कि कला के क्षेत्र में वर्ष 2012 में दुलारी देवी को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

शुरुआती समय में कागज कलम ना होने की वजह से वह लकड़ी से जमीन पर चित्र बनाया करती थी। धीरी-धीरी उनकी कला निखरती गई और वह जानी मानी कलाकार बन गईं। उन्हें भले ही शब्दों की पहचान ना हो पर रंगों की बखूबी पहचान है।

हजारों चुनौतियों को झेलने वाली दुलारी देवी ने अपनी पेंटिंग के जरिए बाल विवाह, एड्स और भ्रूण हत्या को लेकर लोगों को जागरुक किया। पेंटिंग से जुड़ी पहली कमाई की बात करें तो जापान से आए कुछ लोगों ने उनसे 7 पोस्टकार्ड्स खरीदे थे और एक कार्ड की कीमत मात्र 5 रुपये थी।

मधुबनी आर्ट के क्षेत्र में दुलारी देवी ने अपने संघर्ष के दम पर एक अलग पहचान बनाई। इतने संघर्ष के बाद आज उनकी कला की पूरी दुनिया मुरीद है। वह नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं। बिहार के मधुबनी आर्ट को दुनिया भर में पहचाना जाने लगा है। इन सभी खूबियों को ध्यान में रखते हुए साल 2021 में भारत सरकार ने दुलारी देवी को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था।

वित्त मंत्री को कैसे जानती है दुलारी देवी ?

साड़ी पर भी अपने कला काे बिखेरने में दुलारी देवी को कोई जवाब नहीं है। जब वित्त मंत्री ने मिथिला आर्ट इंस्टीट्यूट का दौरा किया था तब उनकी मुलाकात दुलारी देवी से हुई थी। उस वक्त ही दुलारी देवी ने अपने हाथ से तैयार की हुई साड़ी उन्हें दी और बजट के दिन पहनने की पेशकश की। वित्त मंत्री ने कला और दुलारी देवी का मान रखते हुए इस साड़ी को आज पहना।

क्या है मधुबनी आर्ट ?

मधुबनी आर्ट बिहार के मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक लोक कला है। इसे मिथिला कला के नाम से भी जाना जाता है। यह चमकीले रंगों और जटिल डिजाइन से भरी होती है। मधुबनी आर्ट में सांकेतिक कमल के पौधे, बांस के जंगल, मछली और पक्षी बनाए जाते हैं।

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