नई दिल्ली: भाई दूज के दिन समापन होने वाली दिवाली की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है और भाई दूज के दिन इसका समापन होता है। बता दें कि इसके चौथे दिन गोवर्धन पूजा की परंपरा है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इस दिन लोग घरों में गोवर्धन पर्वत बनाते हैं और भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस दिन शाम को पूजा के समय अन्नकूट और कढ़ी चावल का भोग लगाया जाता है। इस साल दिवाली 12 नवंबर को मनाई गई है। लेकिन गोवर्धन पूजा को लेकर लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है। जानें इस दिन गोवर्धन पूजा का सही समय और पूजन विधि।
गोवर्धन पूजा की सही तारीख और शुभ मुहूर्त 2023
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर सोमवार दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से हो रही है और इसका समापन अगले दिन 14 नवंबर मंगलवार दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगी। उदयातिथि को देखते हुए इस बार गोवर्धन पूजा 14 नवंबर के दिन होगी।
बता दें कि द्रिक पंचांग के अनुसार, शुभ गोवर्धन पूजा 14 नवंबर सुबह 6 बजकर 43 मिनट से लेकर 08 बजकर 52 मिनट के बीच है। ऐसें दो घंटे नौ मिनट तक पूजा मुहूर्त का समय रखा गया है। बता दें कि गोवर्धन पर घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है।
गोवर्धन पूजा के दिन बन रहे हैं ये शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार गोवर्धन पूजा पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। गोवर्धन पूजा पर शोभन योग सुबह से लेकर दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अतिगंड योग रहेगा, जिसे शुभ नहीं माना गया है। लेकिन शोभन योग को शुभ माना गया है। वहीं, गोवर्धन पूजा के दिन सुबह से ही अनुराधा नक्षत्र होगा।
गोवर्धन पूजा के दिन सुबह उठकर स्नानादि आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत घर के आंगन में बनाएं। इसके साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बना लें। धूप-दीप से विधिवत पूजा करें। इतना ही नहीं, भगवान श्री कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के बाद उनका पूजन करें. इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं।