कब है देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा ? जानें पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त

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कोलकाता: कार्तिक पूर्णिमा को हिंदू धार्मिक ग्रंथों में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन श्री हरि विष्णु मत्स्य अवतार में जल में निवास करते हैं। इस कारण इस दिन गंगा स्नान करने का काफी बड़ा महत्व माना जाता है। कहते हैं कि कार्तिक माह के दिन देवी देवता दिवाली मनाते है इसलिए इसे देव दिवाली भी कहा जाता हैं। लेकिन इस बार पंचांग भेद के चलते कार्तिक पूर्णिमा स्नान और देव दिवाली को लेकर लोगों में असमंजस है।

जानकारी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा 26 नवंबर 2023 की दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी, जो कि अगले दिन 27 नवंबर 2023 की दोपहर 02 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार देखा जाए तो कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी। कार्तिक मास के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है और गंगा नदी में स्नान और दान किया जाता है। कार्तिक मास पूर्णिमा के दिन आपको व्रत एक बार जरूर रखना चाहिए। आपको बताते हैं कार्तिक पूर्णिमा स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में।

कार्तिक पूर्णिमा स्नान – 27 नवंबर 2023 की सुबह 5 बजकर 05 मिनट से सुबह 5 बजकर 58 मिनट

सत्यनारायण व्रत पूजा – 27 नवंबर 2023 की सुबह 9 बजकर 30 मिनट से सुबह 10 बजकर 49 मिनट

प्रदोष काल दीपदान का समय- 26 नवंबर 2023 की शाम 05 बजकर 24  मिनट – रात 07 बजकर 05 मिनट

चंद्रमा को अर्घ्य देने का मुहूर्त – 26 नवंबर 2023 की शाम 04 बजकर 29 मिनट

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 26 नवंबर 2023 की रात 11 बजकर 41 मिनट से मध्‍यरात्रि 12 बजकर 35 मिनट तक

26 नवंबर को मनाई जाएगी देव दिवाली
वहीं इस साल देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले 26 नवंबर 2023 रविवार को मनाई जाएगी। जब पूर्णिमा तिथि प्रदोष काल में होता है तभी देव दिवाली मनाई जाती है। इसी आधार पर रविवार के दिन देव दिवाली मनाई जाएगी। इसी रात देवतागण धरती लोक पर आते हैं और भक्त उनके निमित्त दीपदान करते हैं। इसी रात को लक्ष्मी पूजा करना और चंद्रमा को अर्घ्य देना अपार देना लाभ देता है।

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