

मेघा, सन्मार्ग संवाददाता
हावड़ा : स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के तहत हावड़ा जिले में ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होते ही विवाद गहराता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार जिले में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, जिससे कई इलाकों में असंतोष और चिंता का माहौल है। राज्य स्तर पर पश्चिम बंगाल में करीब 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम कटने की संभावना जताई जा रही है। आरोप है कि छोटी-छोटी त्रुटियों के कारण भी मतदाताओं को बार-बार बुलाकर परेशान किया जा रहा है। हावड़ा मध्य विधानसभा क्षेत्र के कई वार्डों में मतदाताओं को लगातार सुनवाई की तारीखें दी जा रही हैं, लेकिन नाम पुनः सूची में शामिल नहीं हो रहे। इसको लेकर इलाके के तृणमूल नेता और पूर्व पार्षद शैलेश राय ने आरोप लगाया कि लोगों को बिना वजह परेशान किया जा रहा है। विरोध में बुधवार को उनके नेतृत्व में चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर पुतला दहन किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि नाम हटाने के कारणों में मतदाता की मृत्यु, पता बदलना, फॉर्म वापस आना, डुप्लिकेट प्रविष्टि और भौतिक सत्यापन में असफलता शामिल हैं। वहीं मारवाड़ी और हिंदी भाषी समुदाय का आरोप है कि जिन इलाकों में उनकी आबादी अधिक है, वहीं सबसे ज्यादा नाम काटे गए हैं। डुप्लिकेट नामों को लेकर भी नया विवाद सामने आया है, जहां कुछ मतदाताओं के नाम बिहार और हावड़ा दोनों जगह दर्ज पाये गये। वहीं यही हालात हावड़ा उत्तर में देखे गये जब वोटर्स को सुनवाई के लिए बुलाया गया लेकिन उनका आरोप है कि उन्हें घंटो घंटो इंतजार करवाया जा रहा है। इसके बाद जब मौके पर इलाके के विधायक गौतम चौधरी पहुंचें तो वे मामले को संभालते हुए लोगों में समन्वय करवा कर सुनवाई के लिए लाइन लगवाया। विपक्ष का आरोप है कि प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और आम मतदाता को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। प्रभावित लोग जल्द समाधान और स्पष्ट दिशा-निर्देश की मांग कर रहे हैं।