

कोलकाता : विश्वभारती विश्वविद्यालय में 62 एकड़ जमीन पर ‘कब्जा’ किया गया है। इस संबंध में भाजपा सांसद सौमित्र खां ने लोकसभा में सवाल पूछे थे जिसके जवाब में उक्त बात कही गयी। सौमित्र खां ने विश्वविद्यालय में अतिक्रमण की गयी जमीन के बारे में पूछा था। इसका जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने बताया कि विश्वभारती में फिलहाल केंद्र सरकार द्वारा 3.46 करोड़ रुपये की 53 शोध परियोजनाओं को फंडिंग की जा रही है। रिक्त पदों का सृजन और उनकी भर्ती एक निरंतर प्रक्रिया है। रिटायरमेंट, इस्तीफा और स्टूडेंट्स बढ़ने के कारण अतिरिक्त आवश्यकता से रिक्त पदों का सृजन होता है। विश्वभारती समेत सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को मिशन मोड के तहत रिक्त पदों पर भर्ती के लिए कहा गया है जिसकी रोजाना निगरानी भी की जाती है। सुकांत मजूमदार ने बताया कि विश्वभारती में कुल 62.0225 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है जहां अतिक्रमण हुआ है। कैंपस की सुरक्षा, फेंसिंग, जमीन अतिक्रमण रोकने व उसे हटाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा कई कदम उठाये गये हैं। संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर अभियान कर अतिक्रमण हटाया जाता है।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने प्रशासनिक नोटिस जारी किए और अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार से लगातार सहायता मांगी। अदालती मामलों के माध्यम से कानूनी कार्रवाई भी की गई है। विश्वविद्यालय परिसर का सर्वेक्षण और सीमांकन 2007-08 में किया गया था और 550 से अधिक पिलर स्थापित किए गए थे। परिसर के चारों ओर 30 कि.मी. से अधिक लंबी चारदीवारी बनाई गई है।