तीन महीने से बूंद-बूंद को तरस रहे 300 परिवार, यमुनामोड़ में गहराया पेयजल संकट

तीन किलोमीटर दूर झरने से पानी लाने को मजबूर ग्रामीण जल्द व्यवस्था नहीं हुई तो आंदोलन तेज करने की चेतावनी
तीन महीने से बूंद-बूंद को तरस रहे 300 परिवार, यमुनामोड़ में गहराया पेयजल संकट
Munmun
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सन्मार्ग संवाददाता

नागराकाटा : नागराकाटा ब्लॉक के सुलकापाड़ा ग्राम पंचायत अंतर्गत यमुनामोड़ चर्च लाइन इलाके में बीते तीन महीनों से गंभीर पेयजल संकट बना हुआ है। लगभग 300 परिवारों की आबादी वाला यह इलाका आज एक-एक बूंद पानी के लिए जूझ रहा है। विडंबना यह है कि क्षेत्र में कई स्थानों पर नल और टेप कनेक्शन मौजूद हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं आने से पूरी जलापूर्ति व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। स्थानीय निवासी अमर बरुआ और साधना बरुआ ने बताया कि पानी की अनुपलब्धता के कारण ग्रामीणों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दूर-दराज के इलाकों से पानी लाना पड़ता है। पीने के पानी के अलावा बर्तन धोने, कपड़े धोने और अन्य घरेलू कामों के लिए उन्हें लगभग तीन किलोमीटर दूर स्थित एक झरने पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इस संकट से सबसे अधिक परेशानी महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस समस्या को लेकर प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है। लंबे समय से उपेक्षा झेलने के बाद मजबूर होकर ग्रामीणों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया है, ताकि प्रशासन का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर आकर्षित किया जा सके। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं की गई, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। उनका कहना है कि पानी जैसी बुनियादी सुविधा के अभाव में जीवन यापन करना बेहद कठिन हो गया है। इस संबंध में नागराकाटा के प्रखंड विकास अधिकारी जयप्रकाश मंडल ने बताया कि उन्हें जल संकट की जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि पीएचई विभाग के सहायक अभियंता को मामले से अवगत करा दिया गया है और उम्मीद है कि जल्द ही समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।


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