

मणिपुर के कारण अदरक के दाम भी नहीं हो रहे कम
कोलकाता : एक महीने से अधिक हो गये मगर टमाटर के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक महीने पहले ही टमाटर के दाम 200 रुपये पर पहुंच गये थे, लेकिन अब तक दाम कम नहीं हुए हैं। फिलहाल होलसेल बाजार में टमाटर की कीमत 100 से 150 रुपये प्रति किलो है जो रिटेल बाजार में आकर 200 से 250 रु. प्रति किलो तक पहुंच गयी है। कुछ महीने पहले तक जिस टमाटर की कीमत 40 से 50 रुपये प्रति किलो थी, वह अब बढ़कर 250 रु. प्रति किलो हो गयी है। वहीं अदरक के दाम भी कम होने के आसार नहीं लग रहे हैं। अदरक की कीमत भी 200 रु. प्रति किलो के आस-पास है। आलम कुछ यूं हो गया है कि लोगों ने अब टमाटर खरीदना काफी कम कर दिया है। इसके बदले लोग टोमैटो प्यूरी खरीद रहे हैं। कोले ने बताया कि ठण्ड में जब नयी सप्लाई आयेगी तब ही दाम कम होने की संभावना है।
इन कारणों से बढ़ी हैं टमाटर की कीमतें
राज्य सरकार की टास्क फोर्स के सदस्य रवींद्र नाथ कोले ने कहा कि हर साल ही इन महीनों में टमाटर के दाम इस प्रकार ही बढ़ते हैं। जून से सितम्बर या अक्टूबर तक दाम इसी तरह रहने की संभावना है। हालांकि इस बार दाम कुछ अधिक ही बढ़े हैं क्योंकि इस बार अत्यधिक गर्मी के कारण सप्लाई पर असर पड़ा है। हर साल जून से सितम्बर, अक्टूबर तक टमाटर के दाम 100 रु. प्रति किलो तक रहते हैं। टमाटर की सप्लाई रांची, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश राज्यों से होती है, लेकिन उत्पादन इस बार काफी कम होने के कारण सप्लाई नहीं हो पा रही है। वहीं परिवहन खर्च बढ़ जाने के कारण भी टमाटर की सप्लाई पर असर पड़ा है।
मणिपुर हिंसा के कारण नहीं कम रही अदरक की कीमतें : अदरक की कीमतें मणिपुर हिंसा के कारण कम नहीं हो रही हैं। अदरक की सप्लाई पहाड़ों से होती है और मणिपुर में लंबे समय से चल रही हिंसा के कारण अदरक की कीमतें अब भी 200 रु. प्रति किलो के आस-पास हैं।
अब रुला सकता है प्याज भी : फिलहाल 25 से 30 रु. प्रति किलो पर बिक रहा प्याज भी अब लोगों को रुला सकता है। कई राज्यों में कीमतें बढ़नी चालू भी हो गयी हैं। 5 अगस्त को 1,200 रु. प्रति क्विंटल पर बिक रहा प्याज 7 अगस्त को यानी दो दिनों के अंदर ही 1,900 रु. प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। वहीं 9 तारीख को कीमतें 2,500 रु. प्रति क्विंटल पर जा पहुंची। फिलहाल प्याज की खुदरा कीमतें 30 रु. प्रति किलो के आस-पास हैं, लेकिन अगले कुछ सप्ताह अथवा सितम्बर की शुरुआत तक 60-70 रु. प्रति किलो तक कीमतें पहुंचने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मानसून में प्याज का रकबा घटने के साथ-साथ रबी का स्टॉक कम होने के कारण सट्टेबाजी के कारण कीमतें बढ़ी हैं।