सांतरागाछी में 'शान सी सुल्तानपुरी' गैंग के 3 गिरफ्तार

जांच में जुटी CID, गिरफ्तारों से पूछताछ कर गैंग के अन्य सदस्यों की तलाशदिल्ली, राजस्थान, मुंबई सहित देश के कई शहरों में चोरी और डकैती की शिकायतें
गांजे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार तीन अभियुक्तों की तस्वीर
Published on

मेघा, सन्मार्ग संवाददाता

हावड़ा : दिल्ली, राजस्थान, मुंबई सहित देश के कई शहरों में एक के बाद एक चोरी और डकैती की शिकायतें! देश के विभिन्न थानों में मामले दर्ज हैं। इनमें से कुछ पहले गिरफ्तार भी हो चुके हैं, लेकिन जमानत मिलते ही गैंग या अपराधी दल के सदस्य फिर चोरी-छिनताई के धंधे में लौट गए। लेकिन इस गैंग के सरगना को पकड़ना मुश्किल हो रहा था। अब दिल्ली के कुख्यात अपराधी दल 'शान सी सुल्तानपुरी' गैंग के प्रमुख सरगना सहित तीन अपराधी हावड़ा में गिरफ्तार हुए हैं। लंबे समय से जाल बिछाने के बाद आखिरकार गैंग के 3 सदस्य सांतरागाछी स्टेशन पर उतरते ही खड़गपुर जीआरपी की शालीमार थाना ने उन्हें धर दबोचा। गिरफ्तारों से पूछताछ कर जीआरपी ने गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है। जांच राज्य पुलिस की CID ने भी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न धार्मिक स्थलों, मेलों, बस स्टैंड सहित देश के जनबहुल इलाकों को ही इस गैंग के सदस्य निशाना बनाते थे। फिलहाल खड़गपुर जीआरपी की हावड़ा शालीमार थाने में रेल पुलिस सहित CID के अधिकारी गिरफ्तारों से पूछताछ कर रहे हैं। इस संबंध में एसआरपी खड़गपुर जीआरपी देवश्री सान्याल ने बताया, पिछले बुधवार रात सांतरागाछी स्टेशन के प्लेटफॉर्म 6 और 7 पर 3 लोगों को संदिग्ध रूप से घूमते देखा गया। इसके बाद उन्हें खड़गपुर जीआरपी की शालीमार थाना ने पकड़ा। गिरफ्तारों के पास से कुछ सोने के सामान बरामद हुए। इतना सोना कहां से ला रहे हैं, यह पूछते ही सारी जानकारी सामने आ गई! जांचकर्ताओं को पता चला कि गिरफ्तार सभी 'शान सी सुल्तानपुरी' गैंग के प्रमुख सदस्य हैं। गिरफ्तार में रनवीर सिंह, अजमीर सिंह और मुकेश के नाम हैं। ये सभी पश्चिम दिल्ली के सुल्तानपुरी के निवासी हैं। इनमें रनवीर इस गैंग का मास्टरमाइंड है।

क्या है 'शान सी सुल्तानपुरी' गैंग : पुलिस सूत्रों से पता चला है कि करीब 10 साल से रनवीर के नेतृत्व में यह गैंग राजस्थान, मुंबई, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में सोना चोरी के ऑपरेशन चला रहा है। इन राज्यों में रनवीर पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस को पता चला कि इस गैंग के सदस्य कभी फोन पर सामान्य बात नहीं करते थे। हमेशा व्हाट्सएप कॉल पर बात करते थे। यहां तक कि घरवालों से भी व्हाट्सएप कॉल पर ही संपर्क करते थे। इनके पास से सोने के गहने के अलावा फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं। लेकिन बंगाल में गैंग के सदस्य क्यों आए थे, यह जानने की कोशिश कर रहे हैं जांचकर्ता। सांतरागाछी स्टेशन पर उतरकर ये कहीं और जाने की योजना बना रहे थे या इस राज्य में भी सक्रिय होने की कोशिश कर रहे थे, यह जानने की कोशिश की जा रही है। गिरफ्तारों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है।


संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in