

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : शहीद दिवस यानी धर्मतल्ला में लाखों की भीड़ का एक साथ इकट्ठा होना। यह भीड़ एक तरफ जहां कुछ लोगों के लिए जी का जंजाल बनी तो वहीं फेरीवालों और कुछ दुकानदारों के लिए एक बेहतर आय का जरिया बनी। ऐसे ही फेरीवालों का कहना है कि उन्हें साल भर इस दिन का इंतजार रहता है क्योंकि इस दिन उनको एक साथ इतने लोग मिलते हैं जहां उनकी बिना भटके अच्छी कमाई हाे जाती है। वहीं एक अन्य ने कहा कि 21 जुलाई की जनसभा के लिए राज्य के लगभग सभी हिस्सों से तृणमूल कार्यकर्ता और समर्थक धर्मतल्ला आते हैं और इतने लोगों की भीड़ हो और हम फेरीवाले उसका हिस्सा ना बने ऐसा हो ही नहीं सकता है। धर्मतल्ला में हर जगह चाय, लॉजेंस, टोपी, किताबें, मूड़ी, खिलौने वालों की भरमार थी। एक लॉजेंस बेचने वाले ने बताया कि वह यहां बेचने की उम्मीद से आया है। इतने लोगों की भीड़ में अगर उसका थोड़ा सामान भी बिक जाये तो फायदा ही होगा। अगर 20 लोग एक साथ 5 लॉजेंस की खरीदारी भी कर लें ताे हर दिन की तुलना में आज उसकी ज्यादा कमाई होगी। एक मूड़ी वाले ने बताया कि वह सालभर घूम -घूम कर मूड़ी बेचता है। ऐसे में आज का दिन उसके लिए एक अच्छा दिन साबित होता है, इन दिन अगर 20 लोग भी मिल जाये तो 200 की कमाई तो हो ही जायेगी। यहां फेरीवालों की कमाई के साथ ही अगल-बगल में खिलौना बेचने वाले और कपड़ों के दुकानदारों ने भी अपने सामानों को खूब बेचा।
मिलेगा बेहतर खाना खाने का मौका
एक लॉजेंस विक्रेता ने बताया कि हर दिन बसों में घूम-घूम कर लॉजेंस बेचने के बाद भी उतनी ही कमाई हो पाती है जिससे वह पेट भर खाना खा सके। ऐसे में शहीद दिवस का दिन ऐसा होता है जहां कुछ ज्यादा आय हो पाती है। उन्होंने बताया कि इस दिन के ज्यादा आय के रुपयों से वह अपने लड़के के लिए कुछ खरीदेंगे। साथ ही वह हर दिन लगभग एक जैसा ही खाना खाते हैं, इसलिए आज वह थोड़ा अच्छा खाना खायेंगे। उन्होंने बताया कि एक पिता के नाते बेटे के चेहरे पर खुशी देखना सबसे बड़ी बात होती है, मुझे यह सोचकर कर ही खुशी मिल रही है कि आज मेरा बेटा बहुत खुश होगा।