‘अचानक लगा तेज झटका, होश आया तो किसी का हाथ तो किसी का पैर कटा देखा’

‘अचानक लगा तेज झटका, होश आया तो किसी का हाथ तो किसी का पैर कटा देखा’
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ट्रेन की खिड़की से किसी तरह बाहर निकले सैम ने बतायी आपबीती
ट्रेन हादसे को यादकर अभी भी लोग सहम जा रहे हैं
सन्मार्ग संवाददाता
हावड़ा : हमलोग 10 साथी एक साथ यशवंतपुर स्टेशन से जनरल बोगी में सवार हुए थे। दुर्घटना के 10 मिनट पहले एक तेज आवाज हुई और हमें लगा कि ट्रेन ब्रिज से गिर गयी। मेरी आंखें बंद हो गयीं। होश आया तो देखा कि बोगी पलटी हुई है। मैं कई लगों के ऊपर पड़ा हूं। बोगी के बाहर किसी का हाथ तो किसी का पैर कट कर गिरा पड़ा है। चारों ओर खून ही खून है। ऐसे मंजर में किसी तरह खुद को संभाला और फिर खिड़की की कांच को तोड़कर बाहर निकल आया। यह बात कहते हुए थोड़ी देर के लिए लम्बी सांस ली घटना के प्रत्यक्षदर्शी सैम अली ने। सैम अली को शनिवार की सुबह बालासोर से बस के जरिए पहले खड़गपुर और फिर खड़गपुर से उन्हें हावड़ा स्टेशन पर लाया गया। हावड़ा स्टेशन पर सैम अली का प्राथमिक इलाज किया गया। हादसे में सैम के पैर में चोट आयी है। सैम अली ने बताया कि वह असम के उदलबाड़ी जिले का रहनेवाला है। दो साल पहले नौकरी करने के लिए बंगलुरु गया था। वह गुरुवार को यशवंतपुर से ट्रेन में सवार हुआ था। हावड़ा आकर उसे दूसरी ट्रेन पकड़कर फिर असम जाना था लेकिन उससे पहले वह दुर्घटना का शिकार हो गया। सैम ने बताया कि इस दुर्घटना का मंजर वह मरते दम तक नहीं भूल पाएगा। उसने बताया कि वह अपने 10 दोस्तों के साथ वापस घर लौट रहा था। हादसे में उसके 8 साथी गंभीर रूप से घायल हो गए और वे लोग फिलहाल ओडिशा के अस्पताल में इलाजरत हैं।
मुफ्त में लाने की जगह बस कंडक्टर ने 300 रुपये लिए
बालासोर ट्रेन दुर्घटना में असम के उदलबाड़ी का रहनेवाला हफीजुल भी घायल हो गया था। हफीजुल के सिर में चोट आयी है। उसने बताया कि वह अपने साथियों के जनरल बोगी में वापस घर लौट रहा था। करीब एक साल बाद वह घर लौट रहा था। ट्रेन के झटके के कारण ऊपर की सीट पर मौजूद एक पिरेक उसके सिर में घुस गया। इसके कारण वह कुछ देर के लिए अचेत हो गया। नींद खुली तो उसने खुद को लोगों के ऊपर गिरा पाया। कई लोगों की मौत हो गयी थी। किसी तरह वह और उसका साथी सैम अली ट्रेन के बाहर निकले और फिर अपने साथियों की तलाश करने लगे। हफीजुल ने बताया कि रात 1 बजे उन्हें एक बस में बालासोर से चढ़ाया गया। उन्हें कहा गया कि बस मुफ्त में हावड़ा ले जाएगी लेकिन बीच रास्ते में बस के कंडक्टर ने उन लोगों से 300-300 रुपये ले लिये। फिलहाल हावड़ा स्टेशन पर पहुंचने पर उन्हें प्राथमिक इलाज मिला है। उन्होंने कहा कि हादसा दर्दनाक था। ऐस हादसा उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था। शायद फिल्मों में भी ऐसी भयानक तस्वीर नहीं दिखायी जाती है।

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