
कोलकाता : कसबा लॉ कॉलेज के यूनियन रूम में हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद राज्य में काफी हंगामा हुआ। यह मामला हाई कोर्ट में जाने के बाद सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट के डिविजन बेंच ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के स्टूडेंट्स यूनियन रूम पर तत्काल प्रभाव से ताला लगाने का आदेश दिया। इस बाबत अधिसूचना भी तुरंत जारी करने का आदेश कोर्ट ने दिया। हालांकि शुक्रवार को भी अधिकांश विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के यूनियन रूम खुले रहने का आरोप है। इस बीच, छात्र संगठनाें का कहना है कि अगले 2 दिनों में नोटिस नहीं आयी तो छात्र खुद यूनियन रूम बंद करवा देंगे। छात्र संगठनों द्वारा फिलहाल उच्च शिक्षा विभाग की नोटिस का इंतजार किया जा रहा है।
यूनियन रूम का पुराना मामला फिर आया सामने
लॉ कालेज की गैंग रेप की घटना ने इस दो साल पुरानी पीआईएल को जिंदा कर दिया है। कॉलेजों में छात्र संगठनों का चुनाव कराए जाने के लिए वर्ष 2022 में एक पीआईएल दायर की गई थी। राज्य सरकार की तरफ से एफिडेविट दाखिल करके कहा गया था कि राज्य में एक भी छात्र यूनियन नहीं है, क्योंकि इनके चुनाव नहीं कराए गए हैं। इधर, कसबा लॉ कॉलेज में एडवोकेट की दलील थी कि वहां छात्रा से बलात्कार की घटना का सूत्रपात तो यूनियन रूम में ही हुआ था। इसका अर्थ है कि सारे काॅलेजों में इस तरह की अवैध यूनियनें काम कर रही हैं। इसके साथ ही वर्ष 2022 की गुरुदासपुर की एक घटना का जिक्र किया गया। छात्र यूनियन की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में बांबे के एक सिंगर के. के. की मौत हो गई थी। ये अवैध यूनियनें विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं। उन्हें काॅलेजों से फंड दिया जाता है। इसके बाद ही डिविजन बेंच ने उपरोक्त आदेश देते हुए कहा कि किसी भी कॉलेज का यूनियन रूम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की अनुमति के बगैर नहीं खोला जा सकता है। राज्य सरकार को एफिडेविट दाखिल करके बताना पड़ेगा कि छात्र यूनियनों का चुनाव कराए जाने के बाबत उनका स्टैंड क्या है। इसके अलावा एंटी रैगिंग कमेटी के बारे में भी जवाब देना पड़ेगा।
बगैर नोटिस के बंद नहीं होंगे यूनियन रूम : टीएमसीपी
टीएमसीपी के प्रदेश महासचिव अभिरूप चक्रवर्ती ने कहा, ‘यूनियन रूम इस तरह बंद नहीं करवाया जा सकता है। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद यूनियन रूम क्यों बंद नहीं करवाये जा रहे हैं ? प्रेसिडेंसी व जादवपुर विश्वविद्यालय में भी यूनियन रूम बंद नहीं हैं। जब तक उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कोई नोटिस नहीं आता, तब तक रजिस्ट्रार यूनियन रूम नहीं बंद करवा सकते हैं।’
हम खुद लॉक करवा देंगे यूनियन रूम : एसएफआई
माकपा के छात्र संगठन एसएफआई के प्रदेश सचिव देवांजन दे ने कहा, ‘अधिकतर कॉलेजों में यूनियन रूम खुले हुए हैं। अगर सोमवार तक उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कोई नोटिस नहीं आया तो स्टूडेंट्स ही यूनियन रूम में ताला लगवा देंगे। ये यूनियन रूम अवैध हैं और इनमें कॉलेज प्रबंधन भी शामिल रहते हैं। सरकारी आदेश तुरंत जारी करने होंगे, ऐसा नहीं करने पर स्टूडेंट्स खुद आगे का काम करेंगे।’
हमेशा के लिए बंद होने चाहिये यूनियन रूम : एबीवीपी
एबीवीपी कोलकाता के सचिव देवांजन पॉल ने कहा कि कॉलेजों के यूनियन रूम पार्टी कार्यालयों में बदल गये हैं। हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद अधिकतर कॉलेजों में यूनियन रूम खुले हुए हैं। कोर्ट के आदेश में है कि यूनियन रूम के इस्तेमाल के लिए रजिस्ट्रार की अनुमति लेनी होगी, लेकिन ये यूनियन रूम किसी विकासमूलक कार्य के लिए इस्तेमाल नहीं किये जाते हैं। इन यूनियन रूम से चंदा उगाही का काम किया जाता है। यूनियन रूम हमेशा के लिए बंद हो जाने चाहिये।’
स्टेट यूनिवर्सिटी का यूनियन रूम मिला बंद : छात्र परिषद
कांग्रेस के छात्र संगठन छात्र परिषद की प्रदेश अध्यक्ष प्रियंका चौधरी ने बताया कि उनकी ओर से स्टेट यूनिवर्सिटी में ज्ञापन देने जाने के दौरान वहां का यूनियन रूम बंद मिला। उन्होंने कहा, ‘अधिकतर कॉलेजों के यूनियन रूम खुले हैं जबकि कोर्ट ने इन्हें बंद करने का आदेश दिया है। हम कई सालों से कहते आ रहे हैं कि इन यूनियन रूम का कोई लाभ कॉलेजों में नहीं है और इन्हें जल्द से जल्द बंद किया जाना चाहिये। हम एक निर्दिष्ट समय तक देखेंगे और इसके बाद स्टूडेंट्स ही यूनियन रूम में ताला जड़ेंगे।’