राज्य में कई जगहों पर चल रहा है अवैध पटाखा कारखाने की आड़ में कुछ और ?

राज्य में कई जगहों पर चल रहा है अवैध पटाखा कारखाने की आड़ में कुछ और ?
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सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : एगरा में हुए पटाखा कारखाने में विस्फोट की वारदात ने कई सवाल खड़ा कर दिया है। इस घटना से राजनीति भी गरमा गयी है। आराेप लग रहे हैं कि पटाखा कारखाना की आड़ में यहां बम तैयार होता था। इस संदेश पर भाजपा ने एनआईए जांच की मांग की है। सीएम ने एनआईए जांच पर आपत्ति नहीं जतायी है। वहीं सीआईडी जांच शुरू हो गयी है। वहीं यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या राज्य में अभी भी कई जगहों पर अवैध पटाखा कारखाना की आड़ में कुछ और चल रहा है। बहरहाल यह जांच का विषय है। जो बड़ा प्रश्न उठ रहा है कि क्या वहां केवल पटाखा तैयार होता था या फिर कुछ और? बहरहाल, फाॅरेंसिक टीम, सीआईडी टीम जांच में जुट गयी है। वहीं पंचायत चुनाव से पहले इस विस्फोट की घटना ने चिंता बढ़ा दी है।
कब-कब मिले थे अवैध कारखाने व हथियार
पिछले मार्च में दक्षिण 24 परगना के कैनिंग के हाटपुकुरिया इलाके में अवैध हथियारों की फैक्ट्री मिली थी। हथियारों की फैक्ट्री चलाने के आरोप में बालूईझाका गांव के एक निवासी को भारी मात्रा में हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस की नाक के नीचे लंबे समय से यह कारखाना चल रहा था। इससे पहले इसी जिले के कुलतली में एक अवैध हथियार फैक्ट्री के निशान मिले थे। बारुईपुर थाने की पुलिस ने फैक्ट्री मालिक मोहिउद्दीन सरदार को सुंदरबन नदी के किनारे कच्चे घर से कई हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। इसी तरह से मालदह के वैष्णवनगर गांव में लीचू बगीचे में अवैध फैक्ट्री मिली थी। इसी जिले के कालियाच के करणीचंदपुर पटौतौली गांव में जमीन के नीचे से हथियार बनाने के उपकरण भी मिले थे।
पुलिस चलाती है छापेमारी अभियान
पुलिस कोलकाता के पास हावड़ा जिले सहित विभिन्न इलाकों में छापेमारी अभियान चलाती है। कई जगहों से हथियार भी बरामद होता है और गिरफ्तारियां भी हाेती हैं। कुछ ही दिनों में मालदह से लेकर दक्षिण 24 परगना, नदिया, हावड़ा, बर्दवान तक पुलिस की कार्रवाई में बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए। बीरभूम के बोगतुई में हुई घटना के बाद मुख्यमंत्री ने आदेश दिया था कि राज्य में सभी अवैध हथियारों और बमों की तत्काल तलाशी ली जाए और उन्हें जब्त किया जाए। इसके बावजूद एगरा जैसी घटना ने कई सवाल खड़े किये हैं।
एक पूर्व पुलिस अधिकारी का कहना है कि मुंगेर कभी अवैध हथियारों के लिए जाना जाता था। अब मुंगेर जैसी स्थिति बंगाल में भी पैदा होती जा रही है। खासकर पंचायत चुनाव से पहले हथियारों की बरामदगी की यह घटना काफी चिंताजनक है।

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