SIR : घुसुड़ी में 2002 के लिस्ट से गायब हुए वोटर्स के नाम!

सैकड़ों लोगों को सता रहा है वोटर लिस्ट से नाम हटने का डर 1996 में घरों में लगा दी आग, बनाया खेल का मैदान, साल 2004 में सामने आयी पूरी जानकारी, फिर तृणमूल पार्षद ने दिलायी पहचान
SIR : घुसुड़ी में 2002 के लिस्ट से गायब हुए वोटर्स के नाम!
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मेघा, सन्मार्ग संवाददाता

हावड़ा : सर के फॉर्म भरने के दौरान हावड़ा में लगातार कुछ न कुछ अजीबों गरीब घटनाएं सामने आ रही है। पहले वार्ड नंबर 29 में आया कि लोगों के पते तो मौजूद थे लेकिन लोग ही गायब थे। वहां पर सरकारी कार्यालय मौजूद है। अब बाली विधानसभा क्षेत्र के घुसुड़ी इलाके में सर के फॉर्म के दौरान जब बीएलओ इलाके में पहुंचे तो पता चला कि यहां के 89 नं. जय बीबी रोड में रह रहे लोगों के साल 2002 में वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं है। जबकि इनका वोटर आईडी 1996 से ही बना हुआ है। इनके पास वोटर आईडी व पासपोर्ट तक है लेकिन वे लोग सर का फॉर्म ही नहीं भर पा रहे हैं। ऐसा इसलिए कि साल 2002 में इनका वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं है। सोचने की बात है कि आखिर ऐसा हुआ तो कैसे तब पता चला कि 89 नंबर जयबीबी रोड जहां पर पहले कई लोग रहते थे। यह सिर्फ एक में नहीं बल्कि 101 और 104 जय बीबी रोड में रहनेवाले लोगों की भी यही समस्या है। करीब सैकड़ों लोगों के नाम साल 2002 के वोटर लिस्ट से गायब है। आरोप है कि उस समय साजिश के तहत साल 1996 में इमारत में आग लगा दी गयी। इससे वहां रह रहे लोग अपने दस्तावेज छोड़कर व सामान छोड़कर वहां से चले गये। इसके बाद जब इलाके के नेता रियाज अहमद ने साल 2004 में इसकी छानबीन की तो पता चला कि यहां के लोग इधर उधर रहने को मजबूर है। इसके बाद रियाज ने लोगों को खोजा और उनके पुराने पते में उन्हें बसाया उनका घर बनवाया। इसके बाद बारी थी उनकी पहचान की तो रियाज बताते हैं कि वे इसके लिए हावड़ा प्रशासन से संपर्क किया और हावड़ा के उस समय तत्कालीन डीएम के सहयोग से इनका वोटर आईडी व पहचान पत्र वापस बनवाया। अंत में जब साल 2011 में जब तृणमूल की सरकार बनी तो उनकी पहचान भी उन्हें वापस मिली। इसके बाद तब से लेकर अब तक वे वोट दे पा रहे हैं।

क्या कहा यहा रह रहे लोगों ने : 89 जयबीबी रोड में रहनेवाली शहनुर निशा ने कहा कि वह 1996 में यहां रहती थी लेकिन जब उनके घर में आग लगा दी गयी तो वे शिवपुर में रह रही थी। तभी उन्हें रियाज अहमद ने ढूंढा और साल 2004 में उनका घर बनवाकर दिया। परंतु अब उन्हें सर के फॉर्म भरने में दिक्कत हो रही है। क्योंकि साल 2002 लिस्ट में उनका नाम नहीं है। वहीं आसमीन बैगम ने कहा कि उन्हें भी काफी छोटी उम्र में घर होते हुए भटकना पड़ा और अब जब वे वापस आ गयी है लेकिन सर का फार्म वे नहीं भर पा रही है। परंतु रियाज अहमद ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी।

क्या कहा पूर्व पार्षद ने : इस विषय में पूर्व पार्षद रियाज अहमद ने कहा कि यह घटना बड़ी अजीब थी। इसके बारे में बीएलओ ने जब उनसे जानकारी ली तो उन्हें इसके बारे में पता चला है। इस बारे में रियाज अहमद ने कहा कि यह लोग सर के फार्म में केवल उपरी हिस्सा भरेंगे और बाकी के नीचे के हिस्से के लिए जब उन्हें कैंप से बुलाया जायेगा तो वे अपना दस्तावेज लेकर जायेंगे और अपनी पहचान बतायेंगे। इसमें वे उन लोगों का पूरा सहयोग करेंगे।

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